भिंड।कोरोना महामारी के दौरान भिंड उन ज़िलों में शामिल रहा है, जहां केस कम रहे. यहां वैक्सीनेशन को लेकर भी काफी तेजी से काम किया गया, लेकिन कोरोना के लिए तैयार की गई भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशिल्ड के रखरखाव के लिए WHO ने 2 से 8 डिग्री तापमान मेंटेन रखने का सुझाव दिया था. क्योंकि इससे अधिक या कम तापमान पर ये वैक्सीन निष्क्रिय हो सकती है. ऐसे में जब तापमान 45 डिग्री के आसपास चल रहा है और बिजली की अघोषित कटौती के चलते बत्ती घंटों गुल रहती है तो वैक्सीन के रखरखाव की व्यवस्था किस तरह की जा रही है. यह जानने के लिए ETV भारत ने जिला अस्पताल के ई वैक्सीन सेंटर जाकर पूरी पड़ताल की.
भिंड में बनाये गए हैं 19 कोल्ड चैन पॉइंट :भिंड जिला अस्पताल परिसर में ही ज़िले का ई-वैक्सीन स्टोर बनाया गया है. जहां कोरोना टीकाकरण के लिए मंगाई गई वैक्सीन रखी जाती हैं और यहीं से ज़िले में बनाये गए 19 कोल्ड चैन स्टोर तक इन्हें सप्लाई किया जाता है. जब हम बिजली व्यवस्था का जायजा लेने इस स्टोर पर पहुंचे तो तो मौके पर जिला टीकाकरण अधिकारी और प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसके व्यास मौजूद मिले. वैक्सीन स्टोरेज एरिया का मुआयना कराते हुए डॉ. व्यास ने वैक्सीन के रखरखाव के बारे में भी जानकारी दी. ट्रांसपोर्टेशन से रखरखाव तक मेंटेन किया जाता है. प्रभारी CMHO डॉ. एसके व्यास ने बताया कि who की गाइडलाइन के मुताबिक वैक्सीन का टेम्परेचर फर्स्ट पॉइंट से मेन्टेन किया जाता है. उन्होंने बताया कि दवा बनाने वाली कंपनी द्वारा प्लेन से वैक्सीन का लॉट ग्वालियर एयरपोर्ट तक लाया जाता है, जहां से एक एसी कोल्ड व्हीकल के ज़रिये दवा को जेडी स्टोर तक लाया जाता है. जहां कूल स्टोरेज में इन वैक्सीन को रखा जाता है.
यहीं से कोल्ड चैन शुरू होती हैं :भिंड ज़िले को अलॉट की गई वैक्सीन का लॉट एक विशेष वाहन से लाया जाता है, जो पहले से ही काम तापमान मेंटेन करने के लिए बनाया गया है. फिर भी ट्रांसपोर्टेशन के लिए बड़े आइस बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें वैक्सीन सुरक्षित भिंड तक लायी जा सके. यहां वैक्सीन पहुंचते ही उसे एक निश्चित तापमान पर सेट रेफ्रिजरेटर में रखा जाता है. वैक्सीन स्टोर में ऐसे 8 फ्रीजर इस्तेमाल किये जा रहे हैं. इसके साथ ही डीप फ्रीज़र भी उपलब्ध है. डॉ. व्यास ने बताया कि तापमान की मॉनिटरिंग के लिए भी खास तरह के अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं, जिसमें सेट किये गए टेम्परेचर में बढ़ोतरी होते ही अलर्ट मिल जाता है. बिजली के अचानक जाने की स्थिति में ये फ्रीजर कम से कम 6 घंटे तक तापमान को 2 डिग्री तक बनाये रखते हैं. इससे अधिक होने पर फ्रीज़र एरिया के साथ ही एक इमरजेंसी इलेक्ट्रिसिटी जेनरेटर भी रखा हुआ है, जिससे पावर बैकअप देकर फ्रीजर फिर से शुरू किए जा सकें. वहीं, जिला अस्पताल परिसर में बिजली की समस्या न हो, इसके लिए भी एक पावर सब स्टेशन बिजली विभाग की मदद से संचालित है. प्रभारी सीएमएचओ का कहना है कि भिंड ज़िले के अस्पताल परिसर में बिजली की पर्याप्त व्यवस्था है.