Basant Panchami 2023:एक तरफ जहां भक्त गुप्त नवरात्रि की आराधना में लीन हैं वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार बुधवार दोपहर से गुरुवार की सुबह तक बसंत पंचमी मनाई जाएगी. इस बार बसंत पंचमी पर 4 शुभ योग बन रहे हैं जिसकी वजह से इस दिन का महत्व और बढ़ जाएगा. ज्योतिषविदों के अनुसार इस वर्ष बसंत पंचमी 25 जनवरी की दोपहर 12:33 से शुरू हुई है और 26 जनवरी की सुबह 10:37 तक रहेगी. ऐसे में मां सरस्वती की पूजा के लिए 26 जनवरी की सुबह 7:06 मिनट से लेकर दोपहर 12:34 मिनट तक का महूर्त रहेगा.
बसंत पंचमी पर इन योगों का होता है विशेष महत्व:इस बसंत पंचमी पर योग संयोग का भी महत्व बढ़ गया है, क्यूंकि 1 या 2 नहीं इस वर्ष 4 योग एक ही तिथि में बन रहे हैं. ये योग हैं सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि, रवि और शिव योग. ज्योतिष में इन योग को महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि इन योग में की गई पूजा का फल दोगुना मिलता है. साथ ही अगर कोई भक्त इन योग में ज्योतिषीय उपाय करें तो उन्हें इसका लाभ भी मिलता है. शिक्षा और करियर क्षेत्र में आगे बढ़ने का सकारात्मक फल मिलता है.
ये उपाय करने से मिलती है मां सरस्वती की विशेष कृपा:बसंत पंचमी पर पूजन के साथ अगर कुछ उपाय किए जाए तो मां सरस्वती की कृपा बरसती है. बसंत पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए. इसके बाद पीले वस्त्र धारण कर मां सरस्वती की पूजा अर्चना करना चाहिए, पूजन के दौरान ' ॐ ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्’ मंत्र का जाप करें. साथ ही पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं करें, पूजन में पीले फूलों को मां सरस्वती के चरणों में अर्पित करना चाहिए. पूजा का अंत तक सरस्वती चालीसा के साथ करना बेहद लाभदायक होता है.
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छात्र करें इस मंत्र का जाप: जो छात्र पढ़ाई में कमजोर हैं या उन्हें संख्या में समस्या का सामना करना पड़ रहा है ऐसे छात्रों को अपनी पढ़ाई कक्ष में मां सरस्वती की तस्वीर रखना चाहिए. साथ ही 'ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए. बसंत पंचमी पर गरीब और ज़रूरतमंद बच्चों को शिक्षा से जुड़ी हुई चीजों का दान करने से भी मां सरस्वती का कृपा प्राप्त होती है.
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी ज्योतिषविदों और पौराणिक मान्यताओं के आधार पर है, ETV भारत इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता है.