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शिव भक्ति में लीन ‘आशिक’ 160 किमी का पैदल सफ़र कर भर लाए कांवड़ - Kavad

भिंड जिले में महाशिवरात्रि पर मुस्लिम युवक आशिक ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है. आशिक 160 किलोमीटर की यात्रा पैदल सफर कर कावड़ भरकर लाया. जिसकी लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं.

'Aashiq' absorbed in Shiva devotion
शिव भक्ति में लीन ‘आशिक’

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Published : Mar 11, 2021, 10:52 PM IST

भिंड।जिले एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द देखने को मिला और वह कहावत चरितार्थ हुई. जिसने कहा गया है की भक्त के लिए को बंधन नहीं होता. भिंड ज़िले में एक मुस्लिम युवक भोलेनाथ में अपनी आस्था का परिचय देते हुए 160 किमी का पैदल सफर कर कावड़ भर कर लाया है.

  • श्रृंगीरामपुर से पैदल लाए कांवड़

भिंड शहर में रहने वाले अटेर रोड निवासी आशिक अली भोलेनाथ के भक्त हैं और धर्म और जातपात को पीछे छोटे हुए महाशिवरात्रि पर्व पर अपने दोस्त के साथ उत्तरप्रदेश के श्रृंगीरामपुर से कांवड़ भर कर लाए हैं उनका यह सफर 160 किमी की पैदल यात्रा के साथ भिंड पहुंचकर पूरा हुआ. वहीं महाशिवरात्रि के पवन अवसर पर शर के प्राचीन शिव मंदिर वनखंडेश्वर महादेव पर पहुंचकर कांवड़ चढ़ाई आशिक़ का मानना है की भोलेनाथ सबके मन में बसे हैं वे तो सभी के हैं.

  • आस्था के आगे हर राह आसान

आशिक अली एक सभी व्यापारी हैं. सभी मंडी में अपनी छोटी सी दुकान लगाते हैं. महाशिवरात्रि आते ही कंवरियों की रवानगी होना शुरू हुई. तो आशिक अली ने अपने दोस्त रानू से कांवड भरने की इच्छा जताई. हालांकि उनके दोस्त ने समझाया कि इस तरफ से तो कैसे भी पहुंच हैं. लेकिन कांवड़ भरने के बाद उसे कंधों पर पैदल लाना पड़ेगा. क्योंकि फ़र्रुख़ाबाद के शृंगीरामपुर की दूरी भिंड से 160 किमी है. जो पैदल चलना काफी मुश्किल हो जाएगा. लेकिन आस्था के आगे सारी बातें धरी रह गई. आशिक अपने दोस्त के साथ कांवड़ भरने चले गए और कांवड़ के साथ सकुशल पैदल सफर कर वापस लौट आए और महाशिवरात्रि पर्व पर वनखंडेश्वर महादेव पर कांवड़ चढ़ाई.

  • जगह जगह हुआ स्वागत सत्कार

कांवड़ भरकर लाने पर जब आशिक ने नगर प्रवेश किया. तो श्रद्धालुओं ने इस शिवभक्त का स्वागत किया. यह सिलसिला कई जगह दोहराया गया. शहर में जिसे पता चला उसने माला पहनाकर दोनो दोस्तों का स्वागत किया. इस तरह के माहौल से आशिक बहुत खुश हैं. कहते हैं कि सभी धर्मग्रंथों में भाईचारा और सौहार्द रखने की नसीहत दी गई है और अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इसे आगे बढ़ाए और एकता का संदेश दें.

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