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Agnipath Scheme Protest: सेना भर्ती की तैयारी कर रहे भिंड के युवाओं ने ETV भारत से की बातचीत, 'अग्निपथ' को बताया मेहनत पर पानी फेरने वाली योजना - Agnipath Scheme Protest Youth of Bhind

'अग्निपथ' योजना का विरोध युवाओं द्वारा पूरे देश में किया जा रहा है. इन युवाओं से ETV भारत संवाददाता ने बातचीत की और इस योजना के पीछे हो रहे विरोधाभास के बारे में जाना.  भिंड के युवाओं का कहना है कि सरकार की अग्निपथ योजना के प्रति विरोध का बड़ा कारण इसकी गाइड लाइन है. इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को महज चार वर्ष के लिए भर्ती किया जा रहा है. युवाओं ने कहा कि, रिटायरमेंट के समय दी गयी राशि से जिंदगी भर घर खर्च नहीं चलाया जा सकता. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद भी रोजगार की गारंटी देनी चाहिए.

Agneepath scheme protest Bhind
अग्निपथ योजना विरोध भिंड

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Published : Jun 23, 2022, 2:40 PM IST

भिंड। भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया के लिए शुरू की गयी 'अग्निपथ' योजना में अब देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ मध्य प्रदेस भी जलने लगा है. चम्बल से मालवा तक सेना भर्ती की तैयारी कर रहे आक्रोशित युवा हिंसक हो गए हैं. इंदौर, ग्वालियर में दंगों के साथ पब्लिक प्रॉपर्टी में तोड़फोड़ हो रही है. इस बीच चम्बल का वह जिला भिंड, जहां के सबसे ज्यादा नौजवान तैयारी कर सेना में जाते हैं. इन युवाओं से ETV भारत संवाददाता ने बातचीत की और इस योजना के पीछे हो रहे विरोधाभास के बारे में जाना.

अग्निपथ स्कीम के विरोध में भिंड के युवा

अग्निपथ स्कीम के विरोध में भिंड के युवा: भिंड चम्बल का वह जिला है, जहां कभी बागी और डकैतों का आतंक था. लेकिन आज यहां के युवा देश की सेना और विभिन्न सुरक्षाबलों में अपनी सेवाएं देकर देश की सेवा कर रहे हैं. हजारों युवा सेना में भर्ती होने के लिए वर्षों से मेहनत कर रहे हैं, यही वजह है कि भिंड की भूमि को देशभक्तों की धरा कहा जाता है. ग्वालियर में गुरुवार को जिस तरह सरकार की अग्निपथ स्कीम के विरोध में हजारों युवकों ने सड़क पर हिंसा की. ट्रेन में तोड़फोड़ और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया. उसके बाद भिंड में भी एहतियातन चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है. भिंड में भी युवा अग्निपथ योजना से खुश नहीं हैं, लेकिन वे हिंसक भी नही हुए हैं. ऐसे युवा जो वर्षों से मेहनत करते हुए सेना की तैयारी कर रहे हैं, उन्होंने ETV भारत के सामने अपना पक्ष रखा और इस स्कीम के प्रति विरोध दर्ज कराया.

रिटायरमेंट के बाद रोजगार की गारंटी दे सरकार

अग्निपथ में सिर्फ 4 साल की सर्विस का विरोध: युवाओं ने बातचीत के दौरान कहा कि, सरकार की अग्निपथ योजना के प्रति विरोध का बड़ा कारण इसकी गाइड लाइन है. इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को महज चार वर्ष के लिए भर्ती किया जा रहा है. इसके बाद इनमे से 25 फीसदी छात्रों को आर्मी में फुल सर्विस पर रखा जाएगा और बकाया 75 प्रतिशत की घर वापसी हो जाएगी. युवा इस बात के लिए तैयार नहीं है. युवाओं का कहना है कि, सरकार ने आज तो रोजगार दे दिया. लेकिन चार साल बाद उन्हें रिटायर्ड कर दिया जाएगा, ऐसे में उनके आगे जीवन यापन और परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल होगा.

रिटायरमेंट के बाद रोजगार की गारंटी दे सरकार: एक अन्य युवक ने भी कहा कि, इस तरह सरकार को सर्विस सिर्फ चार साल के लिए देना ठीक नही है. सरकार को इन चार साल के बाद निश्चित आय का स्रोत और नौकरी की व्यवस्था देने का आश्वासन देना चाहिए. क्योंकि रिटायरमेंट के समय दी गयी राशि से जिंदगी भर घर खर्च नहीं चलाया जा सकता और बिजनेस शुरू करने पर भी उसके सफल होने की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद भी रोजगार की गारंटी देनी चाहिए.

मेहनत पर पानी फेरने वाली योजना अग्निपथ: आर्मी की तैयारी कर रहे एक युवा का तो यहां तक कहना था कि, सेना में भर्ती होने का सपना भिंड के हर एक युवक का होता है. जिसके लिए ज्यादातर नौजवान 3 से 4 साल तक कड़ी ट्रेनिंग करते हैं, जिससे कि वे आर्मी का फिजिकल निकाल सकें और अगले 17 वर्षों तक देश की सेवा कर सकें. ऐसे में इतना समय और पैसा लगाकर अपना लक्ष्य हासिल करने वाले युवाओं को सिर्फ 4 साल बाद रिटायर कर दिया जाएगा, तो वह अपनी आने वाली जिंदगी कैसे काटेगा. जिसके लिए उसने इतनी मेहनत की, यह स्कीम उस मेहनत पर पानी फेरने वाली साबित हो रही है.

हिंसा करना गलत, भर्ती का बहिष्कार कर जताएं विरोध: सेना भर्ती की तैयारी कर रहे भिंड के युवा अग्निपथ योजना से बिल्कुल भी खुश नहीं है. लेकिन वह ग्वालियर, इंदौर या बिहार में हुई हिंसक घटनाओं का समर्थन भी नहीं करते. युवाओं का कहना है कि, आर्मी एक अनुशासित संस्था है. आर्मी का डिसिप्लिन हर एक जवान फॉलो करता है, ऐसे में इस तरह दंगे भड़काना अनुशासन नहीं है. यह अपना विरोध दर्ज करने का कोई रास्ता नहीं है, हम सभी युवाओं को एकजुट होना चाहिए और इस भर्ती प्रक्रिया का पूरी तरह बहिष्कार करना चाहिए. यदि कोई भी युवा सेना या अन्य सुरक्षा बलों में किसी भी भर्ती प्रक्रिया के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म ही नहीं डालेगा, तो सरकार को अपना फैसला बदलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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