भिंड। पुलिस के काम करने का तरीका अब समय के साथ आधुनिक होता जा रहा है. चाहे वह बंदूक के कारतूस और बुलेट्स पर क्यूआर मार्किंग हो या मृतकों की पहचान करने के लिए आधार डेटाबेस का सहारा. इसका ताजा उदाहरण भिंड के गोहद में हुए बस हादसे में देखने को मिला जब एक मृतक की पहचान ना हो सकी तो पुलिस ने उसके थंब इम्प्रेशन यानी बायोमेट्रिक के जरिए उसकी आधार डिटेल निकालकर पहचान की.
एक मृतक की नहीं हो पा रही थी पहचान
भिंड जिले में इन दिनों पुलिसिंग एडवांस हो रही है. यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि पुलिस अज्ञात मृतकों की पहचान के लिए टेक्नॉलजी का सहारा ले रही है. मामला शुक्रवार को गोहद में हुए हादसे से जुड़ा है. गोहद में हुए भीषण हादसे में ग्वालियर से बरेली उत्तरप्रदेश जारी बस में सवार 7 लोगों की मौत हो गयी थी. जिनमें पुलिस ने शाम तक 6 मृतकों की शिनाख्त कर ली थी. लेकिन 7वें मृतक का चेहरा हादसे में खराब हो जाने से उसकी पहचान नही हो पा रही थी.
पहचान के लिए लिया टेक्नॉलजी का सहारा
देर रात तक जब शव की पहचान नहीं हो पाई, तो पुलिस ने बस में तलाशी ली जिसमें एक अज्ञात बैग मिला और उसमें एक आधार कार्ड लेकिन शव का चेहरा पहचानना मुश्किल था. इस परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने तकनीक का सहारा लिया. एक आधार सेंटर चलाने वाले युवक को बुलाया. जिसने पोस्ट्मॉर्टम हाउस पहुंचकर फिंगरप्रिंट मशीन के जरिए शव के थम इंप्रेशन लिए और आधार डेटा का मिलान किया. युवक की पहचान यूपी के हरदोई में रहने वाले अक्षय कुमार के रूप में हुई.