भिंड । जमीनी विवादों के चलते बढ़ रहे आपराधिक मामलों को देखते हुए. जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त पहल की है,इस नई पहल में अब जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन संयुक्त रूप से काम करेंगे.
बता दें कि भिंड जिले में इन दिनों जमीनी विवाद के कई मामले देखने को मिले हैं जहां अक्सर जमीन को लेकर हुआ छोटा सा विवाद एक बड़ा रूप ले लेता है और लोग कानून को अपने हाथ में ले लेते हैं. पिछले कई दिनों में लगातार फायरिंग और मारपीट जैसे मामले देखने को मिले हैं।
आपराधिक मामलों को कम करने के लिए प्रशासन सख्त,बनाई रणनीति - तहसीलदार अचानक निरीक्षण करेंगे
आपराधिक मामलों को कम करने के लिए प्रशासन ने बनाई नई रणनीति.
जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन ने नई रणनीति बनाई है.यह मध्यप्रदेश सरकार के नए आदेश हैं जिसमें पटवारियों और आरआई को हफ्ते में 2 दिन अपने क्षेत्र में रुककर लोगों के विवाद के लिए आवेदन लेने और निराकरण करने के लिए कहा है इस आदेश का ठीक से पालन हो इसके लिए अब जिला प्रशासन द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों को मोबाइल में जीपीएस बेस्ड एप्लीकेशन सिस्टम लागू किया जा रहा है जिससे शिविर के दौरान पटवारी और दूसरे अधिकारी ग्रामीणों के बीच जाकर एक सेल्फी एप्लीकेशन में अपलोड करेंगे जिससे उनकी लोकेशन और टाइमिंग मॉनिटर होगी.इसके साथ ही लैंड रिकॉर्ड में अव्यवस्था के चलते हुई गड़बड़ी की बात मानते हुए कलेक्टर ने बताया कि जल्द ही सभी रिकॉर्ड अपडेट करा लिए जाएंगे.अधिकारियों की मॉनिटरिंग के लिए समय-समय पर तहसीलदार अचानक निरीक्षण करेंगे.जिला कलेक्टर ने यह भी बताया कि सभी विभागों में धीरे-धीरे यह व्यवस्था लागू की जाएगी.
जिला प्रशासन के टूर वाहन को भी जीपीएस से लैस किया जाएगा जिससे उनका दुरुपयोग ना हो सके.पुलिस प्रशासन द्वारा भी विवादों की स्थितियों को कम करने के लिए नई रणनीति के लिए एसपी ने बताया कि कुछ पुलिस अधिकारी जिला प्रशासन की टीम के साथ जाएंगे जिससे कि मौके पर मिलने वाले आवेदनों के आधार पर इन विवादों में दोनों पक्षों से बातचीत कर मामले का तुरंत निराकरण करवाया जा सके.