भिंड। ज़िले में रेत के अवैध खनन की तस्वीरें बहुत समय से सामने आती रही हैं. बावजूद इसके छुटपुट कार्रवाई कर ज़िला प्रशासन अपनी पीठ थपथपाता रहा है और अवैध खनन की बात को सिरे से नकारता रहा है. लेकिन हाल ही में जब नदियों में खनन पर 30 जून से एनजीटी ने रोक लगा दी. उसके बावजूद भिंड के लहार क्षेत्र की पर्रायच रेत खदान पर सिंध नदी में रेत माफिया द्वारा अवैध खनन करते सैकड़ों ट्रक अचानक नदी में आए तेज बहाव के चलते फँस गए तो तस्वीरें सामने आने के बाद प्रशासन के झूठ की पोल खुल गयी है.
कलेक्टर भी टाल गए मामले को : भिंड के लहार क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है और किसी ज़िम्मेदार को इसका पता नहीं चला, इस बात पर जब भिंड के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर सतीश कुमार एस से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने भी मामले को टाल दिया. भिंड पुलिस अधीक्षक भी मामले में सीधा बोलने से कतराते हुए अधीनस्थ अधिकारियों पर टाल गए. एसडीएम बोले- नदी पर 76 ट्रक पकड़े सभी ख़ाली थे. एसडीओपी का जवाब है कि बारिश से कीचड़ में फंसे थे ट्रक.
एसडीएम के गोलमोल जवाब :जब लहार एसडीएम से सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें सूचना मिली थी की पर्रायच पर सिंध नदी में कुछ ट्रक अवैध रूप से रेत का उत्खनन करने के लिए खड़े देखे गए हैं, जिस पर माइनिंग की टीम मौक़े पर पहुँची और 14 ट्रक ज़ब्त कर उनकी सुपुर्दगी भी सौंप दी गयी लेकिन तेज बारिश की वजह से रात के अंधेरे में आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी. गुरुवार सुबह दोबारा टीम मौक़े पर पहुँची और 62 ट्रक पकड़े. हालाँकि, एसडीएम के मुताबिक़ सभी ट्रक ख़ाली थे और वहाँ रेत नहीं थी. इधर, लहार एसडीओपी ने तो मामले पर अच्छे से लीपापोती की. उनका कहना था कि उनके पास बुधवार की आधी रात सूचना आयी थी की कुछ ट्रक पानी के तेज बहाव में कीचड़ में फँस गए थे, जिस पर एक टीम मौक़े पर भेजी थी जहां कुछ ट्रक फ़ंसे हुए मिले सुबह एसडीएम और माइनिंग टीम भी मौक़े पर गयी इसके बाद कुछ ट्रक पकड़े हैं.