भिंड। आपने मुरैना में जहरीली शराबकांड के बारे में तो सुना होगा. लेकिन अब भिंड भी जहरीली शराबकांड के मकड़जाल में फंस गया है. यहां जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हुई है. मामले में अब पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई को लेकर उन्होंने पुलिस और बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला.
भिंड शराब कांड पर गर्मायी राजनीति
मुरैना शराब कांड के बाद भिंड के लहार विधानसभा के अलग-अलग गांव में होली के दिन जहरीली शराब पीने के बाद हुई 7 लोगों की मौत मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी है. जहां पहले पुलिस द्वारा मामले को दबाने के आरोप लगे थे वहीं अब कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है.
जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत शराब कांड को लेकर निशाने पर पुलिस
गोविंद सिंह ने ज़हरीली शराब कांड में हुई मौत को ज़िला और पुलिस प्रशासन की नाकामी बताया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि भिंड में खुद पुलिस द्वारा माफिया को संरक्षण दिया जाता है लगातार मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. पुलिस द्वारा जबरन बिना पोस्टमार्टम के मृतकों के शव दबाव डालकर अंतिम संस्कार कर दिए गए जिससे कोई सबूत ना बचे.
डॉ गोविंद सिंह ने लगाए गम्भीर आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा की आज तक कोई भी पुलिस का वरिष्ठ अधिकारी ना तो गांव में जाकर पीड़ित परिवारों के पास गया, ना ही उन्हें ढांढस बंधाया, बल्कि संवेदनहीनता की पराकाष्ठा देखिए मामले को दबाने के लिए पुलिस यह और कह रही है की जिनकी मौत हुई वे शराब नही पीते थे जबकि सभी परिवार का कहना है की शराब पीने के बाद सभी में एक जैसे लक्षण आए सभी की तबियत बिगड़ी. आँखों की रौशनी गयी और मौत हो गयी लेकिन पुलिस को कुछ दिखाई नहीं देता. पूर्व मंत्री ने उसी शराब के खाली और भरे हुए क्वाटर दिखाते हुए बताया कि ग्रामीणों ने यही शराब पी थी. लेकिन पुलिस ने ठीक से जांच की होती तो उनको भी यह शराब गांव से मिल जाती.
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‘पुलिस खुद करवा रही शराब की तस्करी’
कद्दावर नेता गोविंद सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि रौन क्षेत्र में पदस्थ एक पुलिसकर्मी जिसका नाम मनीराम नादिर है वह अपनी निजी चार पहिया वाहन जिसपर पुलिस लिखा हुआ है उसे शराब माफ़िया को भारी रक़म लेकर किराए पर देता है जिससे की कोई उस वाहन की चेकिंग ना करे और शराब की उत्तरप्रदेश से तस्करी की जा सके. उन्होंने यह भी आरोप लगाया की ग्रामीणों के मुताबिक़ माफिया द्वारा लहार क्षेत्र में पुलिसकर्मीयों को लाखों की रक़म बनती जाती है जिससे उन्हें पुलिस का संरक्षण मिले.
शिवराज पर जमकर बोला हमला
सीएम शिवराज पर भी निशाना साधते हुए कांग्रेस लीडर गोविंद सिंह ने कहा की वह लगातार कहते आए हैं की माफियाओं के लिए 8 फ़ीट के गड्ढे खोद कर रखे हैं तो सवाल इस बात का है की वे गड्ढे कब भरे जाएँगे, या तो मुख्यमंत्री इस मामले में निष्पक्ष जाँच कराएँ जो दोषी हैं फिर चाहे वह पुलिसकर्मी हो या माफिया कार्रवाई करें नही तो उन गढ्ढों को बंद करवा दें साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा दिलाने की भी माँग की है। साथ ही जानकारी देते हुए बताया है की मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने मामले की जाँच के लिए कांग्रेस की जाँच कमेटी बनायी है जो अब पीड़ित परिवारों के पास जाएगी और मामले की जाँच कर रिपोर्ट सीधा कमलनाथ को सौंपेगी जिसके आधार पर विपक्ष आगे अपनी रणनीति तय करेगा.
जहरीली शराब से अब तक 6 की मौत
भिंड में होली के दिन लहार और रौन क्षेत्र के अब तक 7 लोग और मध्य प्रदेश से लगे उत्तरप्रदेश के जालौन जिले के 4 लोग ज़हरीली शराब का शिकार हो चुके हैं. मामला तूल ना पकड़े इसके लिए पुलिस भी इसे दबाने रही हैं. मृतकों के परिजनों से बात करने पर उनके बयानों से इस बात की पुष्टि हो रही है कि सभी की मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है. हालांकि पहले परिजन इस बारे में खुलकर बोलने को तैयार नहीं थे, लेकिन अब वह घटना की पूरी जानकारी दे रहे हैं, कि किस प्रकार से जहरीली शराब पीने से मौत हुई हैं.
शराब पीने के बाद बिगड़ी थी तबियत
लहार क्षेत्र के असनेहट, जैतपुरा गुढ़ा और चांदोख गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों से बात की तो सबका एक ही कहना था कि होली के दिन किसी के पति, किसी के भाई तो किसी के बेटे ने शराब पीकर और फिर शाम को वह खाना खाकर सो गए. लेकिन रात में उन्हें जलन, घबराहट और चक्कर आना और उल्टी की शिकायत हुई. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. कुछ ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया तो कुछ ने जिला अस्पताल एवं कुछ ने ग्वालियर अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
पुलिस झाड़ रही मामले से पल्ला
सभी मृतक किसान और मजदूर वर्ग के लोग थे. ऐसे में कई लोगों के घर अब रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं असनेहट सरपंच से जब हमने बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि गांव में शराब पीने से लोगों की मौत हुई है. लेकिन यह शराब कहां से आई इसके बारे में वह नहीं बता सके, इस पूरे मामले पर जब लहार एसडीओपी से सवाल किए गए तो उन्होंने घूमफिरा कर जवाब दिए उनका मानना है, कि मारने वाले लोग शराब नही पीते थे. लेकिन परिजन के बयान पुलिस की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं.