बैतूल।इस साल अच्छी बारिश से क्षेत्र के प्रमुख जलाशय पानी से लबालब हो चुके हैं. जिसमें पारसडोह और चंदोरा जलाशय के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है. वहीं बुंडाला जलाशय के वेस्टवेयर से पानी निकल रहा है. जिससे तीनों ही बांध खासे आकर्षण का केन्द्र बन गए हैं. नगर सहित क्षेत्र में आसपास कोई विशेष पर्यटन स्थल नहीं होने से बारिश में नगर सहित क्षेत्रवासी इन तीनों डेम पर पिकनिक मनाने जा रहे हैं.बांधों के गेट से गिरते हुए पानी के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं.
इसके अलावा बांधों के आसपास का प्राकृतिक दृष्य भी बेहद मनोरम हो गया है. चारों और हरियाली के बीच जलाशय खासा लोगों को लुभा रहा है. विशेष रूप से पारसडोह जलाशय का नजारा इन दिनों देखने योग्य है. जहां मुलताई और आठनेर से बड़ी संख्या में प्रतिदिन लोग पहुंचकर प्राकृतिक नजारों का आनंद ले रहे हैं. इन दिनों पारसडोह जलाशय के दो गेट हल्के से खोले गए हैं जिससे बड़ी मात्रा में पानी निकाला जा रहा है. गेट से निकलता पानी किसी झरने की तरह प्रतित हो रहा है. हवा के साथ उड़ती पानी की बूंदों से एक खास दृष्य बन रहा है जिसके लिए लोग बांध पर पहुंच रहे हैं.
पारसडोह जलाशय पर पिकनिक मनाने क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे जिले से लोग पहुंच रहे हैं क्योंकि बारिश में लबालब हुआ है. जलाशय खास नजर आ रहा है. इसके साथ ही बांध के गेट से छोड़ा जाने वाला पानी भी जिस वेग से आगे की ओर जाता है. उसे देखने का अपना अलग ही मजा है. पारसडोह बांध पर तैनात जल संसाधन विभाग के उपयंत्री नागले एवं पाठेकर ने बताया कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग बांध पर पिकनिक मनाने आ रहे हैं. वहीं मुलताई से भी आने वालों की संख्या खासी है. इस वर्ष बांध पर मुलताई से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और लगातार लोगों का आवागमन जारी है. उन्होने बताया कि आने वाले समय में पारसडोह बांध पूरे जिले में पिकनिक स्पाट के तौर पर पहचाना जाएगा.
मुलताई से निकली ताप्ती नदी का विहंगम नजारा लगभग 35 किलोमीटर दूर पारसडोह बांध के पास नजर आता है. बांध से छोड़ा गया ताप्ती का पानी हरियाली के बीच दूर तक बहता हुआ नजर आता है. यह दृष्य अत्यंत ही मनोरम है. जहां ताप्ती की कल-कल करती धारा अपना आगे का सफर तय करती है. बांध के उपर से ताप्ती नदी का यह दृष्य हर किसी को लुभाता है. विशेष रूप से शाम को पश्चिम दिशा की ओर बहती ताप्ती पर जब सूर्य की किरणें पड़ती है तो नदी की धारा चांदी की तरह चमकती दिखाई देती है. बड़ी संख्या में लोग पारसडोह डेम पर यही दृष्य देखने भी आ रहे हैं.