बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के भैंसदेही में लॉकडाउन के बीच रविवार को हरछठ व्रत धूम धाम से मनाया गया. जिसमें अपनी संतान की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने सुबह से ही निर्जला व्रत रखा, और शाम को भगवान शिव की आराधना करके व्रत तोड़ा.
बेटे की लंबी आयु के लिए मनाया गया हलषष्ठी का व्रत, जानिए इस त्यौहार का महत्व - हलषष्ठी या हरछठ त्यौहार का महत्व
लॉकडाउन के बीच रविवार को हरछठ व्रत धूम धाम से मनाया गया. जिसमें अपनी संतान की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने सुबह से ही निर्जला व्रत रखा, और शाम को भगवान शिव की आराधना करने के बाद व्रत तोड़ा.
हरछठ भादों मास के छटी के दिन मनाई जाती है. जिसमें शिव भगवान की आराधना की जाती है, महिलाएं सुबह से ही निर्जला व्रत रखकर शाम को गौरीशंकर की पूजा करती हैं. इस व्रत में खास बात यह रहती है कि व्रत रख रहीं महिलाएं खेत में उपजे अनाज का सेवन नहीं करती हैं, बल्कि जंगलों में अपने आप उग आने वाले पसई के चावल खाती हैं, साथ ही महुआ, चना खाकर व्रत तोड़ती हैं, इसके बाद महिलाएं नाच गाना गाकर भगवान शिव को प्रसन्न करती हैं.
जिले भर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हरछठ का पर्व मनाया गया. महिलाओं का ऐसा मानना है कि भादों कृष्ण पक्ष में मनाए जाने वाले इस त्यौहार को लेकर महिलाओं के द्वारा खास तैयारियां की जाती है. रक्षाबंधन के छठवें दिन मनाए जाने वाले इस त्यौहार में पुत्र प्राप्ति की कामना भी की जाती है. यह व्रत केवल पुत्रवती महिलाएं ही करती हैं.