बैतूल।कोविड-19 के अंतर्गत कार्यरत सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित किए जाने और कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना, कोविड-19 कर्मवीर योद्धा कल्याण योजना में शामिल करने की मांग की जा रही है. इसकी के तहत शनिवार को कोविड-19 स्वास्थ्य संगठन ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के नाम जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. इसके साथ ही एक्सटेंशन को हमेशा के लिए खत्म करके नेशनल स्वास्थ्य मिशन के तहत नियमित या संविदा संवर्ग में विलय किए जाने की मांग की है.
चार सूत्रीय मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
ज्ञापन में संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश सिंह रघुवंशी ने बताया कि, कोविड- 19 संक्रमण की रोकथाम में काम कर रहे अस्थायी आयुष डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ सरकार यूज एंड थ्रो जैसा व्यवहार कर रही है. इसके विरोध में जिले के अंतर्गत सभी ब्लॉकों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे हुए आयुष डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ ने रघुवंशी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के नाम पर अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है.
आयुष डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की अस्थायी भर्ती
संगठन का कहना है कि, कोविड-19 में काम कर रहे सभी आयुष डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने जिस प्रकार अपनी जान को हथेली में रखकर सभी क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है, लेकिन सरकार सभी कोरोना योद्धाओं को घर का रास्ता दिखाने की कोशिश कर रही है, जो कोरोना योद्धा का अपमान करने जैसा है. कोरोना योद्धाओं ने ऐसे समय में सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर बनाने में सहयोग दिया है, जब जिले में पहले से मौजूद परमानेंट डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना के डर से रिजाइन देकर जा रहे थे. ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी. इस समय सरकार ने एनएचएम के माध्यम से रिक्त पदों पर अस्थायी तौर पर शैक्षणिक योग्यता के अनुसार अप्रैल महीने में तीन माह के लिए आयुष डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की थी. इस दौरान हर कोरोना योद्धा ने तन- मन से संक्रमित मरीजों से सीधे संपर्क में रहकर उनका उपचार किया है.