बैतूल। जिले के राजेश सरियाम छात्रों को फ्री कोचिंग देकर उनकी जिंदगी संवारने का काम कर रहे हैं. पिछले 23 सालों से वे ग्रामीण और गरीब युवाओं को निःशुल्क कोचिंग दे रहे हैं. राजेश उन शिक्षकों में से एक हैं, जिनका बैतूल के लिए नि:स्वार्थ योगदान है. इस योगदान से आज कई गरीब युवा सरकारी नौकरी कर रहे हैं.
फ्री में दी जा रही है गरीब छात्रों को कोचिंग राजेश सरियाम 1992 में सेहरा गांव में सरकारी स्कूल में शिक्षक थे. जब उन्होंने देखा कि गरीब बच्चे ट्यूशन नहीं पढ़ पा रहे हैं, तब उन्होंने स्कूली बच्चों को गांव में ही ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया. जिसके लिए उन्होंने सरकारी नौकरी भी छोड़ दी और युवाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग क्लासेज शुरू कर दी. आज राजेश सरियाम की फ्री कोचिंग का ही कमाल है कि बैतूल जिले के एक हजार से ज्यादा गरीब और आदिवासी युवा वन विभाग, पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे हैं.
बता दें कि राजेश ने खुद आर्ट्स सब्जेक्ट से पढ़ाई की है, लेकिन केवल गरीब छात्रों का भविष्य बनाने के लिए उन्होंने पहले खुद गणित और विज्ञान की ट्यूशन ली और फिर उन्होंने स्टूडेंट्स को पढ़ाया.
राजेश की इस नि:शुल्क कोचिंग को देखकर आज दूसरे शिक्षकों ने भी उनसे प्रेरणा ली. छात्रों ने बताया कि वे गरीब परिवार से आते हैं. कोचिंग सेंटर्स की भारी-भरकम फीस नहीं दे सकते, इसलिए वे शिक्षक राजेश सरियाम के यहां आकर फ्री कोचिंग ले रहे हैं. यहां कोचिंग लेने वाले सभी बच्चे यहां की पढ़ाई से काफी खुश हैं. इन बच्चों का सपना है कि वे एक काबिल और अच्छे इंसान बनें.
राजेश सरियाम अपनी कोचिंग में टीचिंग और लर्निंग के लिए नई ट्रिक भी ईजाद करते हैं. राजेश मेट्रो सिटी के कोचिंग सेंटर पर भी नजर रखते हैं, ताकि वे भी अपने फ्री कोचिंग सेंटर को अपडेट रख सकें.