बैतूल। शहर में पिछले साल 20 नवंबर को हुई प्रॉपर्टी ब्रोकर नंदू मालवीय, उसकी महिला मित्र फुलवा और नौकरानी गीता की हत्या की मिस्ट्री पुलिस ने सुलझा ली है. इस ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री में ब्रोकर और उसकी महिला मित्र के भतीजे की अहम भूमिका थी. लगभग एक साल पहले हुए इस हत्याकांड के रहस्य को 12 अफसरों की एसआईटी ने समझा कर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हत्या की वजह जमीन-जायदाद का विवाद बताया जा रहा है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि वो लिव इन में रहते थे लेकिन एसपी के अनुसार वो पति-पत्नी थे.
बैतूल में ट्रिपल मर्डर का खुलासा क्या था मामला
पिछले साल बैतूल के गंज थाना इलाके के भग्गू ढाना में रहने वाले प्रॉपर्टी ब्रोकर नंदू मालवीय उसके साथ लिव इन में रहने वाली महिला फुलवा और उसकी नौकरानी गीता की धारदार हथियार से कटी हुई लाशों घर में मिली थी. 20 नवंबर 2019 की रात नंदू के घर इन लाशों के मिलने के बाद जहां पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था, वहीं इस ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए एसआईटी की टीम गठित की गई थी, जो लगातार इस हत्याकांड से पर्दा उठाने की कोशिश कर रही थी.
पुलिस ने इस मामले में नंदू के भतीजे जितेंद्र उर्फ जीतू को घटना के 9 दिन बाद 29 नवंबर को हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जो जमानत पर बाहर आ गया था लेकिन मुख्य आरोपी के न मिलने और मृतक के एक हाथ का पंजा गायब होने से ये मर्डर मिस्ट्री पुलिस के लिए पहेली बना हुआ था.
एसआईटी ने इस मामले में बारीकी से छानबीन की तो कई परतें खुलकर सामने आ गई. जिसमें खुलासा हुआ कि फुलवा का भतीजा अशोक धुर्वे उसकी मिलान पर स्थित जमीन पर खेती कर रहा था, जिसे फुलवा ने किसी को बेच दिया था. जमीन की इस बेदखली से अशोक उससे नाराज हो गया था. बता दें इसी बीच नंदू मालवीय का भी भतीजे जितेंद्र जीतू से प्रॉपर्टी को लेकर झगड़ा चल रहा था.
अशोक ने मिलकर इन्हें रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया. घटना वाले दिन अशोक नंदू के घर पहुंचा. जहां उसका फुलवा से विवाद हुआ, इसी बीच वहां नंदू भी पहुंच गया. नंदू ने यहां अशोक को तमाचा मारा तो झगड़ा बढ़ गया, गुस्से में भरे अशोक ने यहां नंदू की हत्या कर दी. फिर फुलवा और घटना को देखने वाली नौकरानी को भी मार डाला.
इस हत्याकांड को अशोक और उसके साथी सतीश, श्री राम, जित्तू और फर्नीचर मार्केट कर्मचारी योगेश, अजय, रवि जावर, कमलेश सोनी ने मिलकर अंजाम दिया. खास बात यह रही कि इस हत्याकांड में आरोपी मृतक नंदू के हाथ का पंजा पुलिस को नहीं मिल पाया. जिसके बारे में पता चला है कि उसकी सोने की अंगूठी निकालने के लिए आरोपियों ने हाथ काटकर जला दिया था.