बैतूल। इरीगेशन लोड बढ़ते ही मध्य प्रदेश में बिजली की मांग 13 हजार 700 मेगावाट के पार पहुंच गई है. नवंबर माह के पहले सप्ताह में बिजली की मांग इतनी अधिक हो गई है कि इस वर्ष सर्वाधिक बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड कायम होगा. मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के जानकारों की मानें, तो इस साल 15 हजार मेगावाट से अधिक बिजली की मांग रहने का अनुमान है.
सतपुड़ा पॉवर प्लांट की पांच इकाइयां बंद
मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के लिए अच्छी खबर यह है कि प्रदेश के चारों बिजली घरों में लगभग 14 लाख मीट्रिक टन कोयला भंडारण है. गौरतलब है कि प्रदेश में चार बिजली घर हैं, जिनमें खंडवा के श्री सिंगाजी पॉवर प्लांट, अमरकंटक ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर पॉवर प्लांट और घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा पॉवर प्लांट शामिल हैं. चारों प्लांट में कुल 16 विद्युत इकाइयां हैं, जिनकी उत्पादन क्षमता 5 हजार 400 मेगावाट है. हालांकि, मौजूदा स्थिति में पांच इकाइयां विभिन्न कारणों से बंद हैं. इसमें घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा पॉवर प्लांट की 200 मेगावाट क्षमता की 6 नंबर इकाई 21 अक्टूबर 2020 से बंद है. वहीं 210-210 मेगावाट क्षमता की 8 और 9 नंबर इकाई का कोयला श्री सिंगाजी पॉवर प्लांट में डायवर्ट करने के चलते 29 फरवरी 2020 से दोनों इकाई बंद हैं. इसके साथ ही इस पॉवर प्लांट की 660-660 मेगावाट की 3 और 4 नंबर इकाई भी बंद पड़ी हुई हैं, जिन्हें पूरे सीजन बंद ही रखा जाएगा.
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प्रदेश में बिजली की जरूरत निजी पॉवर प्लांटों और सेंट्रल डिस्कॉम से पूरी की जा रही है. फिलहाल श्री सिंगाजी और बिरसिंहपुर पॉवर प्लांट से 1200-1200 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है. वहीं घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा पॉवर प्लांट से 660 से अधिक और अमरकंटक से 216 मेगावाट के आस-पास बिजली का उत्पादन हो रहा है.