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MP प्रदेश में बिजली की डिमांड का नया रिकॉर्ड दर्ज, 16279 मेगावाट पहुंची मांग - 16279 मेगावाट पहुंची मांग

मध्यप्रदेश में बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड (New record of electricity demand) दर्ज हुआ है. प्रदेश के इतिहास में पहली बार बिजली की मांग 16279 मेगावाट रिकॉर्ड हुई है. बुधवार यानी 20 दिसंबर को भी मध्यप्रदेश में 16000 मेगावाट से अधिक बिजली की मांग दर्ज हुई है. वहीं मंगलवार को बिजली की डिमांड 16279 मेगावाट रही. खास बात यह है कि प्रदेश में बिजली की डिमांड पूरी करने में मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी की अहम भूमिका रही है. एमपीपीजीसीएल की सभी 12 इकाइयां इन दिनों क्षमता अनुरूप बिजली उत्पादन कर रही हैं.

New record of electricity demand recorded in MP
MP प्रदेश में बिजली की डिमांड का नया रिकॉर्ड दर्ज

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Published : Dec 23, 2022, 7:49 PM IST

बैतूल।मध्यप्रदेश में बिजली की डिमांड पूरी करने में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड करीब 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन कर अपना योगदान दे रही है. बताया जा रहा है कि जैंको के सभी चारों पावर प्लांट से रोजाना करीब 62 हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत हो रही है. जबकि रबी के इस सीजन में जेनको को रोजाना करीब 85 हजार मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति रेलवे, रोडसेल और कन्वेयर बेल्टलाइन के जरिए हो रही है.

जेनको के पास 4 लाख 2 हजार टन कोयला :मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के पास मौजूदा स्थिति में 402000 मीट्रिक टन कोयला भंडारण है. इसमें सर्वाधिक कोयला श्री सिंगाजी पावर प्लांट खंडवा के पास है. यहां 1 लाख 33 हजार मीट्रिक टन कोयला स्टॉक है, जबकि यहां चारों बिजली इकाइयां चलाने पर रोजाना खपत 33 हजार 500 मीट्रिक टन है. वहीं बिरसिंहपुर पावर प्लांट में रोजाना 19 हजार मेट्रिक टन कोयले की खपत है. यहां 1 लाख 10 हजार मीट्रिक टन कोयला भंडारण है. इसी तरह बैतूल के सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट सारणी के पास भंडारण के रूप में 1 लाख 17 हजार मीट्रिक टन कोयला है. जबकि यहां रोजाना 7 हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत हो रही है. वहीं अमरकंटक पावर प्लांट की एक इकाई को चलाने में रोजाना 3000 टन कोयला लग रहा है. जबकि स्टॉक के रूप में यहां 42 हजार मीट्रिक टन कोयला है.

बिजली की डिमांड का नया रिकॉर्ड दर्ज, 15270 मेगावाट पहुंची बिजली की मांग

रेलवे से कोयले की आपूर्ति शुरू :सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट सारनी जिला बैतूल में 1 माह पहले तक भंडारण 50 हजार मीट्रिक टन से भी नीचे आ पहुंचा था, लेकिन रबी के सीजन में बिजली की मांग बढ़ते ही मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी ने कोयला संकट से बचने रेलवे के जरिए कोयले की आपूर्ति शुरू करा दी. इससे सतपुड़ा के यार्डों में स्टॉक बढ़ने लगा. मौजूदा स्थिति में बैतूल के सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट सारणी के यार्डों में स्टॉक के रूप में 1 लाख 17 हजार मीट्रिक टन कोयला भंडारण है. अच्छी बात यह है कि लोकल की कोयला खदानों से भी कोयला आपूर्ति बढ़ा दी गई है, जिससे सतपुड़ा के स्टॉक में लगातार सुधार आ रहा है.

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