बैतूल। कमलनाथ सरकार के माफिया ऑपरेशन का शिकार बैतूल नगरपालिका कर्मचारी भी होने शुरु हो गए हैं. यहां नगरपालिका ने अपने ही कर्मचारियों को खुद के ही घर तोड़ने का फरमान सुना दिया है. यही नहीं कर्मचारियों को पिछले छह महीने से वेतन तक नहीं मिला है. जिससे तंग आकर परेशान कर्मचारी आत्मदाह करने की धमकी दे रहे हैं. वहीं सांसद ने भी इन कर्मचारियों की वकालत करते हुए नगरपालिका के फरमान को तुगलकी बताया है.
नगरपालिका के फिल्टर प्लांट में सालों से नौकरी कर रहे कर्मचारी बेघर होने की कगार पर - Betul Municipality
नगरपालिका ने अपने ही कर्मचारियों को खुद के ही घर तोड़ने का फरमान सुना दिया है. यही नहीं कर्मचारियों को पिछले छह महीने से वेतन तक नहीं मिला है.
![नगरपालिका के फिल्टर प्लांट में सालों से नौकरी कर रहे कर्मचारी बेघर होने की कगार पर Municipal workers on the verge of homelessness](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-5926057-thumbnail-3x2-mmm.jpg)
बैतूल नगरपालिका के फिल्टर प्लांट में सालों से नौकरी कर रहे नियमित, दैनिक भोगी और संविदा कर्मी फिल्टर प्लांट परिसर में ही मकान बनाकर रह रहे हैं. इन्हें सरकार ने उन जमीनों के पट्टे भी दिए हुए हैं. अब इसी जमीन पर नगर पालिका बाउंड्री वॉल का निर्माण करवा रही है. जिसके चलते कर्मचारियों को उनके घर तोड़कर वहां से हटने का फरमान जारी किया है. जब इन कर्मचारियों ने ऐसा करने से मना किया, तो इनकी तनख्वाह रोक दी गई.
बीजेपी सांसद डीडी उइके इन कर्मचारियों के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने कर्मचारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को सोची समझी साजिश करार दिया है.
साथ ही सांसद ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि, अगर कर्मचारियों को वहां से हटाया गया, तो वे पूरे जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आंदोलन करेंगे.