बैतूल।अगर जिले में ज्यादातर दुर्घटनाओं के मामलों को करीब से देखें तो कहीं ना कहीं सड़क दुर्घटनाओं का सीधा जिम्मेदार पीडब्ल्यूडी विभाग ही रहता है, क्योंकि जिले की ज्यादातर सड़कों में भारी तकनीकी खामियां मिल जाएगी. तमाम तकनीकी खामियों और प्रशासनिक लापरवाही के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आते हैं. किंतु हैरानी इस बात की होती है कि ऐसी तमाम लापरवाही और दुर्घटनाओं के बाद भी जिले के बड़े अधिकारी आंखें मूंदे बैठे रहते हैं.
आमला-बोरदेही मार्ग में दरारें:बीते कुछ वर्षों पहले बैतूल से नागदेव मंदिर मोरखा तक करोड़ों रुपए की लागत से इस मार्ग को बनाया गया था, विभाग की अनदेखी और सड़क ठेकेदार की लापरवाही से लगभग 35 किलोमीटर के इस मार्ग में कई जगहों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं. इससे यह मार्ग दोपहिया वाहन चालकों के लिए बेहद खतरनाक होता जा रहा है. इसके अलावा अन्य बड़े वाहनों के लिए भी सड़क में पड़ी यह दरारें दुर्घटना का सबब बन सकती हैं. जैसा कि लोगों ने हमें बताया है कि इसकी खबर स्थानीय एवं जिला अधिकारियों को भी दी जाती है किंतु कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते यहां अक्सर छोटे बड़े हादसे होते रहते हैं.