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Chhatarpur Deputy Collector: सरकार ने नामंजूर किया निशा बांगरे का इस्तीफा, आमला से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम, कोर्ट का करेंगी रुख

छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को बड़ा झटका लगा है. सरकार ने उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है. अब वह आमला से विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. निशा सरकार के फैसले के खिलाफ अब कोर्ट में जाएंगी.

MP Government rejected Nisha Bangre resignation
सरकार ने नामंजूर किया निशा बांगरे का इस्तीफा

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 7:21 AM IST

Updated : Sep 8, 2023, 7:32 AM IST

बैतूल।छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का आमला से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया है. सरकार ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है. बुधवार को इस आशय के आदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी कर दिए हैं. जिससे निशा बांगरे की महत्वाकांक्षाओं को तगड़ा झटका लगा है. हालांकि उन्होंने इस आदेश को कोर्ट में चैलेंज करने की बात कही है. बता दें कि धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए छुट्टी नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने 22 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

सरकार ने नामंजूर किया निशा बांगरे का इस्तीफा

निशा बांगरे पर यह हैं आरोप: आदेश में निशा बांगरे पर आरोप है कि उन्होंने शासन के निर्देशों की अवहेलना, अनुशासनहीनता और गंभीर कदाचरण किया है. सामान्य विभाग के अपर सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश में उनके इस्तीफे को अमान्य कर दिया गया है. निशा बांगरे ने आमला में अपने नवनिर्मित घर के गृहप्रवेश कार्यक्रम और सर्वधर्म शांति सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने के अनुमति मांगी थी, उनको सामान्य प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी. जिसके बाद बांगरे ने 22 जून को सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेज दिया था. साथ ही बांगरे ने सरकार पर पिछली तारीखों में नोटिस जारी करने का आरोप लगाया था. अब सामान्य प्रशासन विभाग ने जांच का हवाला देकर उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है.

कोर्ट जाएंगी निशा:शासन ने डिप्टी कलेक्टर पर शासन के निर्देशों का पालन ना करने और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया. इससे पहले बांगरे इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं करने को लेकर कोर्ट गई थी, जिस पर कोर्ट ने शासन को 30 दिन में निर्णय लेने का समय दिया था. इसके बाद अब सामान्य प्रशासन विभाग ने इस्तीफा नामंजूर करने का आदेश जारी किया है. वहीं, इस मामले में निशा बांगरे ने कहा कि वह शासन के आदेश को कोर्ट में चैलेंज करेंगी.

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निशा ने शासकीय आवास को अवैध रूप से आधिपत्य में रखा: विभाग द्वारा परीक्षणोपरांत बांगरे पर विभागीय अनुमति नहीं होने के बावजूद प्रश्नाधीन कार्यक्रम को यथावत रखने एवं उसमें भाग लेने के लिए प्रेस वार्ता करने, प्रचार-प्रसार करने तथा अंर्तराष्ट्रीय सर्वधर्म शान्ति सम्मेलन में भाग लेने संबंधी कृत्य पाए गए. जो शासन के निर्देशों की अवहेलना, अनुशासनहीनता एवं गंभीर कदाचरण के परिचायक थे. नियमों के अंतर्गत आरोप प्रमाणित होने की स्थिति में निशा बांगरे, डिप्टी कलेक्टर जिला छतरपुर पर दीर्घ शास्ति आरोपित की जा सकती है. ऐसे में निशा बांगरे द्वारा राज्य शासन के समक्ष प्रस्तुत त्याग पत्र को अमान्य करने का प्रशासकीय निर्णय लिया गया है.

2017 में बनी थीं डिप्टी कलेक्टर: निशा बांगरे ने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच पढ़ाई की थी. इसके बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया. 2016 में MPPSC की परीक्षा दी और उसमें सिलेक्ट हुईं. निशा की पोस्टिंग DSP के पद पर हुई. 2017 में वो छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुईं थी. उनके राजनीति में आने की भी खूब चर्चाएं हुई थीं. वह आमला विधानसभा क्षेत्र में लगातार महिलाओं के कार्यक्रम में शामिल हो रही थीं. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर उनसे मुलाकात की थी.

Last Updated : Sep 8, 2023, 7:32 AM IST

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