बैतूल। ग्रामीण अंचलों में आगजनी की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन ने नायाब तरीका निकाल लिया है. बीते दिनों जिले में हुई आगजनी की घटनाओं से सबक लेकर प्रशासन ने पंचायतों में मौजूद पानी के टैंकरों को मिनी फायर वाहन का रूप दे दिया है. इन पानी के टैंकरों को मिनी फायर फाइटर नाम दिया गया है. अब यह मिनी फायर फाइटर आग पर काबू पाने के साथ साथ जलआपूर्ति भी कर रहे है.
आग पर काबू पाने के लिए पानी के टैंकरों को बनाया मिनी फायर वाहन, जिला प्रशासन की पहल
बीते दिनों जिले में हुई आगजनी की घटनाओं से सबक लेकर प्रशासन ने पंचायतों में मौजूद पानी के टैंकरों को मिनी फायर वाहन का रूप दे दिया है. इन पानी के टैंकरों को मिनी फायर फाइटर नाम दिया गया है. अब यह मिनी फायर फाइटर आग पर काबू पाने के साथ साथ जलआपूर्ति भी कर रहे है.
कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े की पहल पर जिले की 27 बड़ी ग्राम पंचायतों में यह मिनी फायर फाइटर तैयार किये गए हैं. जिसके लिए निजी एजेंसी के जरिये पंचायतकर्मियों को बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई है. पानी के टैंकरों पर 5 से 3 एचपी के डीजल पंप लगाए गए है जिसमें प्रेशर पाइप भी लगा हुआ है. जिनको बनाने में 15 से 25 हजार का खर्च आया है. वहीं इस टैंकर करीब 5 हजार लीटर पानी आता है. आग लगने पर यह मिनी फायर फाइटर कारगर भी साबित हो रहे है. इन टैंकरों में सचिव, सरपंच और कर्मचारियों के फोन नंबर लिखे गए, जिसके सूचना दे सकते हैं.
बता दें ग्रामीण इलाकों में आगजनी की घटना होने पर शहरी क्षेत्रों के फायर ब्रिगेड का इंतजार करना पड़ता था. घटना स्थल तक इन फायर वाहनों को पहुचने में 1 घंटे से ज्यादा समय लग जाता था, जिसके कारण लाखों का नुकसान हो जाता था. लेकिन अब मिनी फायर फाइटर की मदद से काफी हद तक जान माल की हानि होने से बचाया जा रहा है. इस अनूठे नवाचार की पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है. जनसंपर्क भोपाल ने बैतूल कलेक्टर के इस नवाचार को अपने प्रचार-प्रसार का माध्यम भी बना लिया है और एक विज्ञापन जारी किया है. बैतूल के मिनी फायर फाइटर के विज्ञापन भी प्रकाशित हो रहे है.