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'विदेशी मेहमानों' का शिकार! सतपुड़ा जलाशय में शिकारियों ने बिछाया जाल, दो नाबालिग गिरफ्तार

उत्तर वन मंडल बैतूल के सतपुड़ा जलाशय में पक्षियों का जाल लगाकर शिकार (Hunting of birds in Satpura reservoir) किया जा रहा है. वन्य प्राणी संरक्षक आदिल खान की शिकायत पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए दो बच्चों को पकड़ा है.

Betul hunters catching migrant birds
प्रवासी पक्षियों को पकड़ रहे बैतूल के शिकारी

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Published : Feb 2, 2022, 9:18 AM IST

बैतूल।घोड़ाडोंगरी तहसील के सारणी क्षेत्र में अप्रवासी पक्षियों को जाल लगाकर फंसाने का मामला सामने आया है. सतपुड़ा जलाशय में 20-25 फीट ऊपर जाल लगाकर प्रवासी-अप्रवासी पक्षियों का शिकार (Hunting of birds in Satpura reservoir) किया जा रहा है. हाल ही में पकड़े गए दो किशोरों से बरामद जाल और मृत मिले पक्षियों से इसका खुलासा हुआ है. वाइल्ड लाइफ एंड नेचर कंजर्वेशन एक्टिविस्ट की शिकायत के बाद वन विभाग ने ये कार्रवाई की है.

तीन सालों से पक्षियों का हो रहा शिकार

उत्तर वन मंडल बैतूल में पिछले तीन सालों से लगातार मछली का जाल तालाबों और जलाशयों में कई फीट ऊपर लगाकर पक्षियों का शिकार (Betul hunters catching migrant birds) किया जा रहा है. सारणी निवासी वन्य प्राणियों के संरक्षण का कार्य कर रहे आदिल खान ने बताया कि वह सतपुड़ा जलाशय के आसपास मौजूद क्षेत्र में पक्षियों की तस्वीर लेने गए थे. तभी उन्हें एक बड़ा जाल पानी के ऊपर दिखाई दिया. उन्होंने जाकर देखा तो उसमें कुछ पक्षी फंसे हुए थे. उन्होंने उप वन मंडल अधिकारी सारणी विजय मौर्य को जानकारी दी.

सतपुड़ा जलाशय में जाल लगाकर पक्षियों का शिकार

वन विभाग ने की कार्रवाई

वन मंडल अधिकारी ने आदिल की शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की. तब मुख्य वन संरक्षक होशंगाबाद को सूचना दी गई. जहां उप वन मंडल अधिकारी ने मौके पर वन विभाग के अमले को भेजा और कार्रवाई की. वन विभाग के कर्मचारी उस क्षेत्र में छिपकर बैठे रहे, जैसे ही जाले उतारने के लिए दो बच्चे वहां पहुंचे, उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. जिस पर उन्होंने पक्षियों के शिकार की बात स्वीकार की.

मौके से शिकार की कई सामग्री बरामद

वन विभाग ने मौके से जाल बरामद किया है. साथ ही मृत जल मुर्गी और बगुला भी बरामद किया गया है. आदिल ने बताया कि क्षेत्र में अवैध शिकार के मामले बढ़ रहे हैं. हालात ये हैं कि इस साल प्रवासी पक्षियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि तीन साल से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन वन विभाग उदासीन बना हुआ है.

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उत्तर वन मंडल बैतूल में गर्मियों के समय वाटर होल्स में पानी नहीं भरा गया था, जिसकी वजह से पानी की तलाश में एक बाघ के शावक की पिछले साल भटक कर रेलवे ट्रैक के पास आने से ट्रेन से टकराने पर मृत्यु हो गई थी. हाल ही में उतर वन मंडल बैतूल के विभिन्न परिक्षेत्र में जंगली सुअर, सांभर, कछुए ‌के शिकार और संरक्षित सांपों की हत्या के मामले भी सामने आ चुके हैं.

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