बैतूल। साल 2019 अब चंद दिनों का मेहमान है. जो अपनी खट्टी-मीठी यादों के साथ अलविदा कह देगा और नई उम्मीदों के साथ 2020 दस्तक देगा. प्रदेश के बैतूल जिले के लिए भी यह साल उतार चढ़ाव-भरा साबित हुआ. जिले को कुछ सरकारी सौंगाते भी मिली. लेकिन जिले का किसान साल भर परेशान रहा. सियासी हलचल भी तेज रही. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को धमाकेदार जीत मिली, तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पलटवार से हिसाब बराबर हो गया. अब बैतूल जिले के लोगों को 2020 से नई उम्मीदें लगी हुई है.
बैतूल जिले के लिए कैसा रहा साल 2019 साल भर में हुई बैतूल जिले की कुछ बड़ी खबरों पर नजर
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत
2018 के विधानसभा चुनाव में जिले की चार विधानसभा सीटें हारने वाली बीजेपी को लोकसभा चुनाव में कामयाबी मिली. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी दुर्गा दास उइके ने बड़ी जीत दर्ज की और वे संसद पहुचे. डीडी उइके ने कांग्रेस के रामु टेकाम को साढ़े 3 लाख से भी ज्यादा वोटों से उन्हें हराया.
बैतूल को मिली दो बड़ी सौगात
बैतूल जिले को इस साल दो बड़ी सौगाते मिली. नया जिला चिकित्सालय भवन और कंपोजिट कलेक्ट्रेट इस साल बनकर तैयार हो गया. 17 करोड़ की लागत से बने जिला चिकित्सालय भवन में 150 बेड की व्यवस्था है. वही जिले को कंपोजिट कलेक्ट्रेट की भी सौगात मिली इस भवन को बनाने में 19 करोड़ रुपए खर्च हुए.
अधूरी है जिले में किसानों की कर्जमाफी
10 दिनों में किसानों का दो लाख रुपए का कर्जा माफ करने का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस का यह वादा अभी तक अधूरा ही है. जिले के 1 लाख 42 हजार किसानों ने कर्ज माफी के लिए आवेदन किया था. जिसमे से अभी तक 65 हजार 945 किसानों का ही कर्ज माफ हुआ है. किसानों अभी 76 हजार 055 किसान कर्ज माफी की राह देख रहे है.
दुनिया का पहला धुआ रंहित गांव बना बाचा
जिले का बाचा गांव दुनिया का पहला धुआंरहित गांव बना. यहां हर घर मे सोलर चूल्हे से खाना बनता है. 74 घरो वाले इस गांव के हर घर मे सोलर चूल्हे पर खाना बनता है. ये पहल भारत भारती शिक्षा समिति के सौजन्य से की गई है, जिसमे आईआईटी मुम्बई की मदद ली गई थी.
जिले में इस साल जोरदार हुई बारिश
पिछले तीन सालों से जिले में अल्पवर्षा के चलते सूखे जैसी स्थितियां निर्मित हो रही थी. लेकिन इस साल झमाझम बारिश हुई जिले के सभी छोटे बड़े डैम और तालाब इस साल लबालब भरे हुए है. पिछले साल 616 मिलीमीटर औसत बारिश जिले में हुई थी. इस साल दिसंबर तक 1,291.4 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है. जिले में 1,083.9 मिलीमीटर औसत बारिश होती है. पिछले साल की तुलना में इस साल दुगनी बारिश अभी तक हो चुकी है.
बैतूल नगर पालिका को मिला अमृत सिटी अवॉर्ड
साल के सितंबर माह में अमृत सिटी अवार्ड से बैतूल नगर पालिका को बेगलुरु में सम्मानित किया गया था. मध्यप्रदेश से दो नगर पालिकाओं को बैतूल और नीमच को यह अवार्ड मिला था. बैतूल सीएमओ प्रियंका सिंह और नगरपालिका अध्यक्ष अलकेश आर्य को यह अवार्ड दिया गया.
रेलवे में बैतूल की बड़ी छंलाग
बैतूल के रेलवे स्टेशन ने स्वछता रैंकिंग में बड़ी छलांग लगाई मध्यप्रदेश में पहला, तो देश मे 36 वा स्थान मिला था. बैतूल रेलवे स्टेशन 150 वें स्थान से सीधे 36 वें स्थान पर पहुच गया. अक्टूबर में क्यालिटी कॉउंसिल ऑफ इंडिया के थर्ड पार्टी की स्वछता रैंकिंग में बैतूल स्टेशन स्वच्छ पाया गया था. अक्टूबर में ही बैतूल स्टेशन पर सौ फीट उचा तिरंगा फहराया गया था.
वाघमारे गांव को किया गया क्राफ्ट विलेज घोषित
प्राचीन हस्तशिल्प कला को पहचान दिलाने वाले जिले के वाघमारे गांव को सरकार ने क्राफ्ट विलेज घोषित किया. बलदेव वाघमारे और उनका परिवार आदिवासी कल्चर से जुड़ी कलाकृतियां बनाता है इनके द्वारा बनाई गई मोर चिमनी की देश-विदेश में खासी मांग है.
देशभर की तरह जिले में भी बड़े प्याज के दाम
देशभर में इस साल प्जाय के दामों ने खूब रुलाया. जिसका असर बैतूल जिले मे भी देखने को मिला. जिले में इस साल प्याज ने 100 रुपए किलो का आंकड़ा पार कर लिया था. बैतूल जिले में पिछले महीने 100 से 120 रुपए किलो प्याज बिकी.
किसानों को यूरिया न मिलने से हुई परेशानी
यूरिया खाद की किल्लत के चलते सहकारी सोसायटियो के बाहर किसानों की लंबी-लंबी लाइन कई सालों बाद इस साल दिखाई दी. यूरिया खाद पाने के लिए किसान यहां वहां भागदौड़ करते दिखाई दिए.
कुल मिलाकर देखा जाए तो 2019 बैतूल जिले के लिए मिला जुला रहा। जिले को इस साल ना तो मेडिकल कॉलेज और ना ही कोई नए उद्योगों की सौगात मिल पाई है. अब उम्मीदे आने वाले नए साल पर टिकी हुई है.