बैतूल। मौसम की मार झेल रहे ग्रामीणों को नदी पर पुल नहीं होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आजादी के बाद आज तक इस गांव का विकास नहीं हुआ है. लोगों की मजबूरी यह है कि, पुल ना होने के कारण आज भी गर्भवती महिलाओं को बारिश के समय खाट पर लिटा कर नदी पार करनी पड़ती है. लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. इनकी यह समस्या एक दिन की नहीं है, बल्कि हर बारिश में इन्हें इस स्थिति का सामना करना पड़ता है.
अंत भला तो सब भला: बुधवार को जब रूपेश टेकाम की गर्भवती पत्नी नेवान्ति को दर्द शुरू हुआ तो डिलेवरी के लिए उसे जान जोखिम में डालते हुए स्पताल ले जाना पड़ा था. नदी उफान पर थी तो ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को खटिया पर लिटाकर नदी पार करवाई. महिला को भौरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां सुरक्षित डिलेवरी हुई गई महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है. खास बात यह है कि सड़क न होने और बारिश में नदी के रौद्र रूप धारण कर लेने के बावजूद गांव में अगर किसी महिला को इसी तरह की परेशानी होती है तो मरीज को इसी तरह नदी पार कराना गांव वालों की मजबूरी होती है. पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीण पहले भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या अब भी जस की तस है.
कमलनाथ ने सीएम से पूछा कहां है विकास:पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पूरे मामले का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सरकार से पूछा है अगर प्रदेश में विकास हो रहा है तो वह कहां है. उन्होंने कहा कि विकास सिर्फ भाजपा नेताओं के भाषणों में ही हो रहा है. उन्होंने घटना का वीडियो शेयर करते हुए सरकार से पूछा है किमध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के 18 वर्ष के विकास की यह है वास्तविक तस्वीर..है जहां प्रदेश के बैतूल ज़िले में एक गर्भवती बहन को अस्पताल ले जाने के लिये उनके परिजनो द्वारा खाट पर लेटाकर नदी पार करवाने का जोखिम उठाना पड़ता है.