मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

बर्मा के जंगलों में 11 दिन पत्ती खाकर लड़ी आजादी की जंग, आज फिर मिला सम्मान

घोड़ाडोंगरी तहसील की शक्तिगढ़ ग्राम पंचायत के पहाड़पुर निवासी स्वतंत्रता सेनानी राधाकिशन शास्त्री का सम्मान एसडीएम, तहसीलदार ने उनके गांव पहाड़पुर पहुंचकर किया.

Freedom fighter Radhakishan Shastri
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राधाकिशन शास्त्री

By

Published : Aug 15, 2020, 9:37 PM IST

Updated : Aug 15, 2020, 10:50 PM IST

बैतूल। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ 1943-45 में 11 दिन तक पेड़ों की पत्ती खाकर आजादी की जंग लड़ने वाले घोड़ाडोंगरी तहसील की शक्तिगढ़ ग्राम पंचायत के पहाड़पुर निवासी राधाकिशन शास्त्री के जेहन में आज भी वो यादें ताजा हैं. आजादी की लड़ाई में जेल जाने वाले राधाकिशन शास्त्री का जन्म 1 जनवरी 1929 को बर्मा (म्यांमार) में हुआ था. स्वतंत्रता सेनानी राधाकिशन शास्त्री ने बताया 1943 में शुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में शामिल होकर देश की आजादी के लिए लड़ाई की शुरुआत की थी, इसके बाद नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ रंगून (मांगून) से अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ी. लड़ाई के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिरने के बाद से उनके पास खाना आना बंद हो गया, तब 11 दिन और 11 रातें बिना भोजन के जंगलों में पेड़ों के पत्ते खाकर लड़ाई जारी रखी और 7 दिन तक बुखार से तपते हुए भी लड़ते रहे. सभी साथी भूखे-प्यासे आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे. 1945 में लड़ाई खत्म होने पर उन्हें रंगून जेल में 7 माह 5 दिन बंद रखा गया.

मिलिए सुभाषचंद्र बोस के साथी से

राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से भी सम्मान प्राप्त कर चुके हैं राधाकिशन शास्त्री

आजाद हिंद फौज का प्रमाण पत्र दिखाने के बाद नौकरी मिली, 1966 में भारत आए तो भारत सरकार ने कई शहरों में घुमाने के बाद 1969 में पहाड़पुर गांव बसाया, लेकिन रोजगार के कोई साधन उपलब्ध नहीं कराए. डब्ल्यूसीएल में आजाद हिंद फौज का प्रमाण पत्र दिखाने के बाद नौकरी मिल गई, नौकरी कर परिवार का पालन पोषण किया. 1983 में डब्ल्यूसीएल से सेवानिवृत्त हुए.

32 एकड़ जमीन फौज को दी थी दान

स्वतंत्रता सेनानी राधाकिशन शास्त्री ने बर्मा में अपनी 32 एकड़ 96 डिसमिल जमीन आजाद हिंद फौज को दान दी थी, उनके दो बेटे और 1 बेटी हैं, वे पहाड़पुर गांव में खेती करते हैं. शास्त्री को मध्यप्रदेश शासन की ओर से 16 हजार रुपए सम्मान निधि मिल रही है. इन्हें ताम्र पत्र सहित कई मेडल और शील्ड भी मिल चुके हैं.

राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से सम्मान प्राप्त करते राधाकिशन शास्त्री

एसडीएम, तहसीलदार ने किया सम्मान

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एसडीएम आरएस बघेल, घोड़ाडोंगरी तहसीलदार मोनिका विश्वकर्मा, नायब तहसीलदार वीरेंद्र उइके ने पहाड़पुर गांव पहुंचकर स्वतंत्रता सेनानी राधाकृष्ण शास्त्री का सम्मान किया. मोनिका विश्वकर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी राधाकृष्ण से मिलकर उन्हें सम्मानित करने का सौभाग्य मिला, आजाद हिंद फौज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल हुए. सात माह लड़ाई के दौरान रंगून की जेल में बिताए, उन्होंने अपनी 32 एकड़ भूमि आजाद हिंद फौज को दान दे दी थी. आज 101 वर्ष की उम्र में भी एक फौजी की तरह उत्साहित होकर हमसे मिले.

Last Updated : Aug 15, 2020, 10:50 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details