बैतूल। जिले के घोडाडोंगरी तहसील के बटकीडोह गांव में कर्ज से परेशान एक किसान ने नदी किनारे महुआ के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. चोपना पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पीएम के लिए घोडाडोंगरी अस्पताल पहुंचाया है.
कर्ज से परेशान किसान ने की आत्महत्या, नदीं किनारे पेड़ पर लगाई फांसी
प्रदेश में किसान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं वहीं आत्महत्या के मामले भी आए दिन सामने आ रहे हैं. बैतूल में एक किसान ने कर्ज से परेशान होकर खुद को मौत के हवाले कर दिया, बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के कारण किसान की माली हालत बेहद खराब हो गई थी औऱ वो कर्ज चुकाने की हालत में नहीं था.
बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान काम नहीं मिलने से वो परेशान था, चोपना पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक श्रीनिवास सरकार ने नदी किनारे महुआ के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. शव का घोडाडोंगरी अस्पताल में पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है. पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है, मृतक के भाई विभाग सरकार ने बताया कि श्रीनिवास में चोपना सोसाइटी से 40 हजार का कर्ज लिया था. 2 साल से वह कर्ज नहीं भर पा रहा था साथ ही लॉक डाउन में भी उसे काम नहीं मिल पा रहा था, जिसके चलते वह मानसिक रूप से परेशान हो गया था, परेशानी बढ़ने पर उसे कुछ समझ नहीं पड़ा तो उसने ये जानलेवा कदम उठा लिया.
सोमवार शाम वह नदी किनारे श्मशान घाट के पास पहुंचा और श्मशान घाट में पड़ी धोती को उठाकर नदी किनारे महुआ के पेड़ पर उस धोती से फंदा बनाकर फांसी लगा ली. परिजन उसे ढूंढते हुए जब नदी के पास पहुंचे तो पेड़ पर उसका शव फांसी के फंदे से लटका मिला.