बैतूल। जिले का बाचा गांव देश का पहला आदर्श गांव बन गया है, जहां हर घर में धुआं रहित रसोई मौजूद है. इस गांव के हर घर में सोलर चूल्हा के माध्यम से खाना बनता है. ईटीवी भारत ने बुधवार को इस खबर को खबर प्रकाशित किया था, जिसके बाद एक फिर इस खबर का असर हुआ है. इस खबर के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है और अब एक कार्य योजना बनाकर इस पर आगे काम किया जाएगा.
दुनिया के पहले धुआं रहित गांव का निरिक्षण करने पहुंचे कलेक्टर, कार्ययोजना बनाने की कही बात
बैतूल जिले का बाचा गांव देश का पहला आदर्श गांव बन गया है, जहां हर घर में धुआं रहित रसोई मौजूद है. इस गांव के हर घर में सोलर चूल्हा के माध्यम से खाना बनता है. एक फिर इस खबर का असर हुआ है. इस खबर के बाद बैतूल कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने बुधवार शाम बाचा गांव का निरीक्षण कर ग्रामीणों से चर्चा की.
इस खबर के बाद बैतूल कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने बुधवार शाम बाचा गांव का निरीक्षण कर ग्रामीणों से चर्चा की. कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने बताया कि बाचा गांव में सोलर चूल्हा का उपयोग करके एक अच्छा प्रयोग किया गया है. गांव में स्मूथलेस कुकिंग से काफी फायदा हो रहा है. इसे गांवों में और फैला सकते हैं. इसके साथ ही इस पर एक कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजा जाएगा. कलेक्टर ने बताया कि शासन की तरफ से जो भी मदद हमें मिल सकती है उसे लेकर जिले के और जगहों पर भी आगे बढ़ाया जाएगा.
बता दें कि बैतूल जिले का बाचा गांव देश दुनिया का पहला ऐसा गांव बन गया है जहां हर घर मे सौर ऊर्जा चलित चूल्हे पर खाना पकता है. यह पहल भारत भारती शिक्षा समिति के सौजन्य से की गई है, जिसमे आईआईटी मुम्बई की मदद ली गई है. एक घर में लगे इस सोलर पैनल का खर्च 80 हजार रुपए आया है, गांव के कुल 74 घरों में सोलर चूल्हे से अब खाना पकाया जा रहा है.