बैतूल।मध्य प्रदेश में भले ही पंचायत चुनाव (mp panchayat elections 2022) टल गए हों, लेकिन बैतूल में कोविड प्रोटोकाल को मानने की वजह से आम सहमति से सरपंच और पंच का चयन किया गया. ग्रामीणों का मानना है कि चुनाव में आपस में मिलने-जुलने से भीड़ होती है. इससे कोविड का खतरा बढ़ता है. जहां पंचायत चुनाव चरम पर है वहीं बैतूल में अनोखा चुनाव देखने को मिला है. यहां पढ़े-लिखे लोगों को मौका दिया गया है. इसके पीछे एक कारण मौत का खौफ भी है. कोरोना के कारण यहां 12-13 लोगों की मौत हो गई थी. आम राय से सरपंच से लेकर 20 पंच तक सहमति से चुने. गांव वालों की इस पहल की खूब तारीफ की जा रही है. देखिये ये खास रिपोर्ट
बिना चुनाव के बनाया सरपंच
बैतूल के चिचोली जनपद की देवपुर कोटमी में पंचायत चुनाव में सरपंच से लेकर पंच तक बिना किसी लड़ाई झगड़े, प्रतिद्वंदिता और चुनाव के आम राय से चुन लिए गए हैं. कोविड में हुई मौतों का यहां ऐसा डर बैठा कि गांव वालों ने तय किया कि गांव में सरपंच और पूरे 20 पंच बिना किसी चुनाव के चुने जाएंगे. उन्होंने किया भी ऐसा ही. वार्ड से लेकर गांव तक जो सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा था. उसे सरपंच और पंच बना दिया गया. ग्रामीणों ने बैठक कर यहां आपसी सहमति बनाकर तय किया कि किसी भी वार्ड में पंच के लिए कोई दूसरा फार्म न भरे. ऐसा ही सरपंच पद के लिए किया गया. नतीजा यह हुआ की सरपंच और पंच निर्विरोध चुन लिए गए. यहां आदिवासी महिला निर्मला अम्बर इवने (selection of sarpanch by consensus in panchayat of Betul) को सरपंच चुना गया है. यह पंचायत आदिवासी महिला के लिए आरक्षित है.
कोविड से लिया फैसला
कोविड त्रासदी के दौरान इस ग्राम पंचायत में एक दर्जन लोगों ने जान गंवाई थी. मौतों ने सारे गांव को एक प्रेरणा दी कि जब सबको मरना ही है तो पार्टी बंदी और वैमनस्यता क्यों की जाए. इसी बीच जब पंचायत चुनाव आये तो एक बैठक आयोजित कर तय किया गया कि कोई भी सरपंच और पंच चुनाव के लिए एक दूसरे के खिलाफ नामांकन फार्म नहीं भरेगा. सभी पद आम राय से तय किये जायेंगे. बैठक के बाद महासभा में भी यही आम सहमति बनी और जो चुनाव लड़ना भी चाहते थे. उन्होंने भी फार्म न भरकर आम राय को मजबूत कर दिया.
आदिवासी महिला को ही क्यों बनाया सरपंच ?
ग्रामीणों ने बैठक में तय किया कि ग्राम पंचायत चूंकि आदिवासी महिला के लिए आरक्षित है, इसलिए इस वर्ग की सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी जो भी महिला होगी उसे सरपंच बना दिया जाए. वार्डों में जो पंच ज्यादा पढ़े और सक्षम है, जिनकी दूसरों पर निर्भरता कम है. उन्हें इन पदों के लिए चुन लिया जाए.