बैतूल। घोड़ाडोंगरी तहसील में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर साल की तरह नहीं मनाया गया. कोरोना संकट काल के मद्देनजर झांकियां नहीं निकाली गईं. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रूप से पालन करते हुए सादगी से कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पर हवन-पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
बैतूल: कृष्ण जन्माष्टमी पर सादगी पूर्वक हुआ हवन-पूजन, नहीं निकली झांकियां
बैतूल जिले में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर कोरोना का असर साफ तौर पर दिखाई दिया, जहां भकतों द्वारा सादगी पूर्वक मंदिरों में हवन-पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
पाथाखेड़ा के श्री राधा-कृष्ण गीता मंदिर में मंगलवार को देर रात पूजन के बाद बुधवार दोपहर हवन-पूजन का दौर जारी रहा, जिसकी जानकारी मंदिर समिति के सदस्य रामानंद यादव द्वारा दी गई. उन्होंने बताया कि प्रशासन के आदेश अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूजन किया गया. इसके अलावा सलैया के श्री कृष्ण गीता मंदिर प्रांगण में भी पूजा-अर्चना संपन्न की गई. इस दौरान मंदिर में भक्तों ने एहतियात बरतते हुए नाच-गाकर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई.
पाथाखेड़ा के श्री राधा-कृष्ण गीता मंदिर से सलैया के श्री कृष्ण गीता मंदिर तक प्रतिवर्ष विभिन्न गांवों से निकाली जाने वाली मनमोहक झांकियों का प्रदर्शन कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए नहीं किया गया. प्रशासन के आदेश अनुसार इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से नहीं मनाकर सादगी पूर्ण तरीके से मनाई गई, जहां अधिकांश भक्तों ने अपने-अपने घरों में ही रहकर त्योहार का आंनद लिया.