बैतूल। अपनी विभिन्न मांगो को लेकर मंगलवार को मध्यप्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कलम बंद हड़ताल से अवगत कराया. महासंघ के जिलाध्यक्ष राजू देशमुख ने बताया सहकारी समितियों में कार्यरत विक्रेता अनेकों समस्याओं से गुजर रहे हैं. शासन की महत्वपूर्ण योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली सीधे गरीब उपभोक्ताओं से जुड़ा हुआ कार्य है विक्रेता पूरी ईमानदारी से कर रहा है. लेकिन आजतक शासन द्वारा मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया. शासन की उदासीनता के चलते अब होने कलम बंद हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. महासंघ के आव्हान पर सम्पूर्ण जिला की समस्त सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारी अपनी उचित न्यायोचित मांगो को लेकर कल 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन कलम बंद आंदोलन का समर्थन करेंगे.
कलम बंद हड़ताल पर रहेंगे सहकारी कर्मचारी - MP News
मध्यप्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ ने हड़ताल पर रहने का फैसला किया है. जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कलम बंद हड़ताल से अवगत कराया.
इस दौरान जिले की समस्त शासकीय उचित मूल्य की दुकानें व सहकारी संस्थआयें से पूर्ण रुप से बंद रहेगी. ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि कलम बंद आंदोलन से आम नागरिकों एवं शासन प्रशासन को कार्य में बाधा व परेशानी होगी जिसका संघ को खेद है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कलम बंद आंदोलन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी. महासंघ ने कर्मचारियों की उचित न्यायोचित मांगो का शीघ्र आदेश प्रसारित करने का आग्रह किया है.
मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ ने शासन से मांग की है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली पीडीएस में शासन द्वारा जो राशन भेजा गया है उसे तुरंत आवंटन जारी किया जाए. और प्रशासन द्वारा कर्मचारियों पर मामले दर्ज किए हैं उन्हें वापस लेने के आदेश प्रसारित किए जाए. संस्थाओं का पीडीएस कमीशन कई वर्षों से अटका है तत्काल भुगतान किया जाए. गेहूं, चना, सरसों, धान, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि उपार्जन कार्य का कमीशन प्रासंगिक व्यय जो कई वर्षों से भुगतान नहीं किया गया भुगतान आदेश प्रसारित किए जाए.
संघ के रमेश मकोड़े ने बताया 1 से 3 फरवरी तक समस्त जिलों में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया. अब 4 फरवरी से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन, कलम बंद आंदोलन जिला स्तर पर जारी रहेगा. जब तक न्यायोचित मांगों का आदेश पारित नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा. 18 फरवरी को प्रदेश के समस्त 55 हजार कर्मचारियों द्वारा राजधानी भोपाल में आकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर सामूहिक इस्तीफा सौंपेंगे. 19 फरवरी को भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर चक्का जाम एवं इच्छा मृत्यु की मांग की जाएगी. आंदोलन के दौरान समस्त सहकारी समितियां एवं उचित मूल्य दुकान बंद रहेगी.