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केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध, तीन दिवसीय हड़ताल पर कोलकर्मी - पाथाखेड़ा क्षेत्र

केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में कोल इंडिया ने तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की है. यह हड़ताल गुरूवार से शुरु होकर शुक्रवार को भी जारी रही, वहीं संयुक्त मोर्चा में जो रणनीति बनाई गई 'शून्य मैन पावर की' वो भी सौ प्रतिशत सफल रही.

Coal workers on a three-day strike to protest the wrong policies of the central government
केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल पर कोलकर्मी

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Published : Jul 3, 2020, 4:41 PM IST

बैतूल। जिले के सारनी कोयलांचल क्षेत्र पाथाखेड़ा की भूमिगत खदानों के कर्मचारी तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं. गुरुवार से शुरू हुई हड़ताल आज शुक्रवार तक जारी रही. दरअसल केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में कोल इंडिया ने तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की है. हड़ताल 2 जुलाई से लेकर 4 जुलाई तक जारी रहेगी.

पाथाखेड़ा क्षेत्र की कोयला खदान में पहली पाली में केवल 6 लोगों के जाने की जानकारी मिली है, जबकि प्रतिदिन सभी क्षेत्रों में एक हजार से 1200 के लगभग कर्मचारी और अधिकारी कार्य स्थल पर पहुंचते हैं. खदानों हॉस्पिटल, महाप्रबंधक कार्यालय, सिविल ऑफिस, वर्कशाप, पम्प हाउस सभी जगह सत् प्रतिशत हड़ताल जारी रही. वहीं खास बात रही कि सुरक्षा प्रहरी जो खदान की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्य पर लगाए जाते थे, वो भी हड़ताल में शामिल रहे. उनके स्थान पर पुलिस प्रशासन खदान की सुरक्षा में तैनात रहा, संयुक्त मोर्चा में जो रणनीति बनाई गई शून्य मैन पावर की सौ प्रतिशत सफल रही.

संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि हड़ताल शत-प्रतिशत सफल हो इसके लिए तीन अलग-अलग दल का गठन किया गया है, जिसमें वरिष्ठ नेताओं के दल बनाए गए हैं, वहीं क्षेत्र के अध्यक्ष महामंत्री को ऑब्जरवेशन के दल बनाए गए हैं. पाथाखेड़ा के इतिहास में कोयला मजदूरों की हड़ताल हमेशा सफल होती है, लेकिन इस बार संयुक्त मोर्चा की रणनीति और कामगारों के सरकार के प्रति आक्रोश ने इसे ऐतिहासिक हड़ताल बनाया है. जहां श्रमिक संगठन ने लक्ष्य रखा था शून्य उत्पादन, शून्य मैनपावर, शून्य डिस्पैच वो लक्ष्य को हड़ताल के पहले और दूसरे दिन भी सयुक्त मोर्चा प्राप्त कर चुका है.

सारनी थाना प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि भूमिगत खदानों में किसी भी तरह की कोई चूक ना हो इसे ध्यान में रखते हुए, पुलिस लाइन, रानीपुर,चोपना, घोड़ाडोंगरी, पाथाखेड़ा, के अलावा रक्षा समिति के सदस्य और कोटवारों को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है. वहीं इस दौरान करीब 150 से ज्यादा लोग सुरक्षा व्यवस्था में चौकसी के लिए तैनात रहे.

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