बैतूल। लताई नगर पालिका में युवा स्वाभिमान योजना के तहत ट्रेनिंग ले चुके कई अभ्यार्थियों को कोई प्रमाण पत्र और स्टाइपिंन की राशि नहीं मिली है. जिसकी वजह से यह युवा अगर कहीं भी रोजगार के लिए जाते हैं तो कोई भी संस्था प्रमाण पत्र या अनुभव प्रमाण पत्र की मांग करती है. ट्रेनिंग के बाद भी इन युवाओं को नौकरी के लिये अयोग्य बता दिया जाता है. फरवरी से शुरू की गई इस योजना के तहत ट्रेनिंग लेने वाले युवा अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं.
युवा स्वाभिमान योजना: ट्रेनिंग के बाद भी नहीं मिला प्रमाण पत्र, नौकरी के लिए अयोग्य बता रही संस्थाएं
युवा स्वाभिमान योजना के तहत बैतूल की लताई नगर पालिका में ट्रेनिंग ले चुके कई अभ्यार्थियों को कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला है. जिसकी वजह से इन्हें सभी जगहों पर नौकरी के लिये अयोग्य करार दिया जा रहा है.
प्रदेश सरकार की युवा स्वाभिमान योजना मजाक बनने लग गई है. इस योजना में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर, डेटा इंट्री, शिलाई कढ़ाई की ट्रेनिंग के साथ शासकीय कार्यों को करना भी सिखाया जाता है. योजना के तहत ट्रेनिंग के दौरान इन युवाओं को 4 हजार रुपये मानदेय के रूप मिलना चाहिए, लेकिन हकीकत कुछ और ही निकल कर सामने आ रही है. वहीं ट्रेनिंग के बाद इन युवाओं को कोई प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जा रहा है.
युवाओं का कहना है कि यदि सरकार को उनका भविष्य बनाना है, तो ट्रेनिंग के बाद प्रमाण पत्र के साथ-साथ रोजगार उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी करनी चाहिए. नहीं तो इस प्रकार की योजना का कोई लाभ उन्हें नहीं मिलने वाला. वहीं मुलताई सीएमओ राहुल शर्मा ने कहा कि युवा स्वाभिमान योजना के तहत 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है और नगर पालिका में शासकीय कार्य भी करवाये जाते हैं और हर महीने स्टाइपिंन दी जा रही है. हालांकि उन्होंने प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने की बात को माना है.