बैतूल।अक्सर आपने सरकारी कार्यालयों एवं भवनों में बिना जरूरत के लाइट, पंखे एवं अन्य बिजली के उपकरण चलते हुए देखा होगा. सरकारी कार्यालयों एवं भवनों में बिजली की फिजूलखर्ची आम बात है. लेकिन बैतूल के इस सरकारी स्कूल में ऐसा करना मना है. दरअसल शिक्षकों और छात्राओं ने बिजली की फिजूलखर्ची रोकने एवं बिजली बचाने के लिए सख्त नियम बनाया है. इस नियम का उल्लंघन करने वालों को जुर्माना भरना पड़ता है. चाहे वह छात्र हो, स्कूल का शिक्षक या फिर प्रिंसिपल ही क्यों न हो. (Betul School Electricity conservation Rules)
बिजली संरक्षण के लिए बनाया नियम:स्कूल, कॉलेज या आफिस से निकलते वक्त जल्दबाजी या फिर जान बूझकर लोग लाइट, पंखा, कूलर व एसी आदि खुला छोड़ जाते हैं. जब तक वापस लौटकर आते हैं तब तक बिजली यू आन रहती है. इससे बिजली विभाग के अलावा खुद संबंधित विभाग को काफी बड़े लेवल पर नुकसान होता है. इसी को लेकर बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में शासकीय कन्या हॉयर सेकंडरी स्कूल में एक नई पहल हुई है. स्कूल में बिजली की फिजूलखर्ची एवं बिजली संरक्षण के लिए नियम बनाया गया है. स्कूल में बाल सभा में सर्वसम्मति से बिजली बचाने के लिए निर्णय लिया गया है कि खाली क्लास के पंखे, लाइट जलती हुए पाई गई तो उस क्लास की छात्रों को एक-एक रुपया जुर्माना देना होंगा. यह निर्णय लेने के बाद जब एक दिन 12वीं कला संकाय की खाली कक्षा में लाइट, पंखे चालू पाए गए तो नियम के अनुसार कार्रवाई कर सभी छात्राओं से जुर्माना वसूला गया. कुल 52 रुपए की राशि ली गई. यह राशि स्कूल के खाते में जमा की गई.