बैतूल। सारणी थाने के कैलाश नगर में हुए गोलीकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने जुर्म भी कबूल कर लिया है. अपने दुश्मन को फंसाने के लिए उसने खुद को गोली मारी थी. युवक ने पहले पुलिस को जो कहानी बताई थी, उसका पुलिस ने प्रैक्टिकल कराया तो वह कहानी झूठी निकली. वहीं जिस पर युवक आरोप लगा रहा था वह भोपाल के अस्पताल में भर्ती है.
युवक ने पुलिस को सुनाई यह कहानी:पुलिस को आरोपी अरुण कुरारिया ने बताया, 25 मई की रात 10:30 बजे भोजन करने के बाद घबराहट हुई तो वह घर से घूमने निकल गया था. कैलाश नगर में मालवीय लॉन के पास उसने कार खड़ी की. उसके पास तीन-चार महीने पहले खरीदी पॉइंट 2-2 बोर की रिवाल्वर थी. उसमें एक गोली थी, जिसे उसने कई बार चलाया, लेकिन नहीं चली. 11वीं 12वीं बार में जब सीने पर रखकर रिवाल्वर चलाई तो गोली चल गई. खून निकलते देखकर वह घबरा गया. अस्पताल जाता तो जवाब देना पड़ता की गोली किसने चलाई, कहां लगी, किसने मारी. तब उसने सोचा कि अपने पुराने दुश्मन दिलीप गुलबाके पर इल्जाम लगा दिया जाए. इसके बाद उसने पिस्टल और खोखा रोड किनारे फेंक दिया और सीधे पुलिस चौकी आ गया. अरुण कुरारिया ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि दिलीप ने मुझ पर दो बार केस दर्ज कराया है, इसीलिए मैंने उसका झूठा नाम लिया.
सीसीटीवी फुटेज की रही अहम भूमिका:गोली कांड का खुलासा करते समय एसडीओपी रोशन कुमार जैन, टीआई रत्नाकर हिंग्वे ने कहा दिलीप गुलबाके को बचाने में भोपाल एम्स के सीसीटीवी फुटेज की मुख्य भूमिका रही. एसडीओपी ने बताया दिलीप 21 मई से एम्स भोपाल में तीसरी मंजिल पर भर्ती था. जहां पर एक ही खिड़की थी. 25 मई को रात 10 बजे से 26 मई की सुबह 4 बजे तक के सीसीटीवी फुटेज खंगालने और इलाज कर रहे डॉक्टरों व स्टाफ के बयान लेने से यह स्पष्ट हो गया कि अरुण को दिलीप ने गोली नहीं मारी.