बैतूल।सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति के अखाड़े में उतरने के तो कई उदाहरण देखने को मिल जाएंगे, लेकिन ऐसा कम ही होता है कि कोई पद छोड़कर सरकारी नौकरी ज्वाइन कर लें. जिले के आठनेर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मांडवी में ऐसा ही हुआ है. यहां की महिला सरपंच ने पद छोड़ दिया. सरपंच का पद छोड़ने वाली सपना इवने अब शिक्षक बनने जा रही है. इस संबंध में सपना ने कहा कि यह त्याग मैंने बच्चों के भविष्य के लिए किया है. मेरा सपना शुरू से ही टीचर बनने का रहा. हालांकि 1 वर्ष पहले हुए चुनाव में मैंने परिवार के कहने पर चुनाव लड़ा, जिसमें मुझे जीत भी हासिल हुई, लेकिन अब मेरा सिलेक्शन शिक्षक के लिए हो गया है, इसलिए अपने सपने को जीने के लिए मैंने सरपंच की कुर्सी छोड़ दी है. कुर्सी सपनों से बड़ी नहीं होती. जिले में संभवत: यह पहला मामला होगा, जब किसी सरपंच ने शिक्षक बनने के लिए पद छोड़ा हो.
सपना ने बताया कि मुझे ग्रामीणों ने योग्यता के आधार पर सरपंच चुना था. सरपंच रहते हुए गांव के विकास कार्यों को कराने में जुटी रही. इस बीच मैंने संविदा शिक्षक वर्ग तीन की परीक्षा दी, जब परीक्षा का रिजल्ट आया तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था, लेकिन एक दुविधा थी कि सरपंच बनकर गांव की तस्वीर बदलूं या फिर शिक्षक बनकर बच्चों का भविष्य संवारू. काफी सोच विचार के बाद मैंने सरपंच का पद छोड़ने का फैसला लिया. मैं विगत 13 मई को त्यागपत्र देने के लिए जनपद सीईओ आठनेर के ऑफिस गई. वहां, मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया. अब मैं शासकीय शिक्षक के तौर पर नौकरी ज्वाइन करूंगी. मैंने जब जनपद सीईओ और अधिकारियों को अपने पद से इस्तीफा देने के दस्तावेज दिए और सरपंच पद छोड़कर शिक्षक बनने के अपने फैसले के बारे में बताया तो अधिकारियों ने भी जमकर तारीफ की और बधाई दी.