बैतूल।जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के निर्वाचन में बड़ी लापरवाही बरते जाने का मामला उजागर हुआ है. यहां एक ऐसे व्यक्ति को भी निर्वाचन में लगे जिम्मेदार अधिकारियों ने विजेता का प्रमाण पत्र थमा दिया, जिसने वास्तव में चुनाव लड़ा ही नहीं. निर्वाचन जैसा महत्वपूर्ण कार्य भी हवा-हवाई अंदाज में किए जाने का यह मामला, आमला जनपद पंचायत की हसलपुर पंचायत का है. हसलपुर ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 3 से पंच पद के लिए 2 प्रत्याशियों ने नाम और निर्देशन पत्र दाखिल हुए थे. यहां से नेहरू उइके और अमित बलवंत ने नाम निर्देशन पत्र जमा किए गए थे. बाद में अमित बलवंत ने अपना नाम विधिवत चुनाव प्रक्रिया से वापस ले लिया. ऐसे में नेहरू उइके इस वार्ड से निर्विरोध पंच निर्वाचित हो गए. इसके बावजूद अमित बलवंत उस समय आश्चर्यचकित रह गए जब जनपद पंचायत के कर्मचारी उनके घर पहुंचे. कर्मचारियों ने उन्हें एक प्रमाण पत्र दिया जिसमें उन्हें वार्ड नंबर 3 से निर्विरोध निर्वाचित बताया गया. (Betul News) (MP News)
गलती का सुधार कैसे हुआ?: यह प्रमाण पत्र रिटर्निंग अधिकारी (पंचायत) आमला, सुधीर कुमार जैन द्वारा हस्ताक्षरित था. प्रमाण पत्र देख अमित बलवंत के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि वे तो पहले ही अपनी उम्मीदवारी वापस ले चुके थे. इसके बाद दूसरे प्रत्याशी नेहरू उइके निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे. जानकारी मिलने के बाद कर्मचारी हरकत में आए और उन्होंने अधिकारियों को जानकारी दी. यह पता चलने पर फिर नेहरू उइके का प्रमाण पत्र बनाया गया और मंगलवार को उन्हें प्रदान किया गया. SDM मुलताई ने पंचों के लिए जारी सूचना पत्र भी अमित बलवंत के नाम से जारी हुआ है. (Betul Panchayat Election)