बैतूल।जिले में मावठा की बारिश से किसानों खुश हो गए हैं. फसलों को एक सिंचाई के लायक मिल पानी गया है. सोमवार को दिनभर जिले के कई क्षेत्रों में रुक-रुक कर बारिश होती रही. बारिश से चलकर चलते फसल को पहली सिंचाई लायक पानी मिलाने से अब किसानों को फसलों में पहली सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इसके चलते किसानों के चेहरे खिल गए हैं. वहीं बारिश के चलते सोमवार को गन्ने की कटाई रुक गई.
रविवार रात से सोमवार रात तक जारी रही बारिश: मावठा की बारिश जिले में रविवार रात से सोमवार को देर रात तक जारी रही. किसान बब्बू दीक्षित ने बताया कि गेहूं की बुवाई करने के बाद अब पहली सिंचाई करने की तैयारी कर रहे थे. अचानक मौसम का मिजाज बदल गया और बारिश शुरू हो गई. इससे अब हमें सिंचाई करने की कोई जरूरत ही नहीं होगी. बारिश का दौर थमते ही फसल में खाद दे देंगे.
बैतूल में मावठा की बारिश से किसानों के खिले चेहरे, फसलों को एक सिंचाई के लायक मिल गया पानी, इधर गन्ने की कटाई रुकी - मध्यप्रदेश की ताजा खबर
Betul News: जिले में हुई बेमौसम बारिश किसानों को खुश कर गई है. यहां फसलों के लायक सिंचाई पानी किसानों को मिल गया है. इन इलाकों में रविवार देर रात से जारी बारिश सोमवार देर रात भी जारी रही. किसानों का कहना है कि अब फसल से पहले सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ेगी.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Nov 27, 2023, 11:00 PM IST
किसान पंकज चौधरी ने बताया कि सापना जलाशय की नहर के पानी से पलेवा करने के बाद गेहूं की बुवाई करना था. मौसम विभाग की तरफ से बारिश की संभावना जताई जा रही थी. इस पर भरोसा किया और रविवार को ही सुबह से शाम तक 12 एकड़ खेत में सूखे में ही गेहूं की बुवाई कर दी थी. सुबह से बारिश प्रारंभ हो गई है. अब न तो पलेवा की जरूरत पड़ेगी और न ही पहली सिंचाई करने की काेई जल्दी होगी. गेहूं के बीज में तीन से चार दिन में अंकुरण भी प्रारंभ हो जाएगा. एक सिंचाई की परेशानी से बच गए और दाना भी शत प्रतिशत अंकुरित हो जाएगा.
गन्ना की कटाई का काम बंद:जिले में इस समय शुगर मिल के लिए गन्ना की कटाई का कार्य जोरों से हो रहा हैं. इसके अलावा गुड़ बनाने का काम भी किया जा रहा है. बेमाैसम बारिश प्रारंभ हो जाने के कारण गन्ना की कटाई का कार्य सोमवार को सुबह से ही बंद हो गया है. इसके साथ ही गुड़ बनाने का काम भी ठप हो गया है. किसान गौतम पटेल ने बताया कि खेतों में नमी आ जाने से अब कम से कम तीन से चार दिन तक तो गन्ने से भरी ट्राली बाहर निकल ही नहीं पाएंगी. मौसम खुलने के बाद ही कुछ हो पाएगा.