बैतूल।आज भी देश के कोने-कोने में वर्षों से चली आ रही परंपराओं को निभाने का चलन चला आ रहा है. एक ऐसी ही परंपरा बैतूल जिला मुख्यलय पर आज भी होली के दूसरे दिन लगने वाले भगोरिया मेले में देखने को मिल जाएगी. जहां पर 50 फिट से ऊंचे लकड़ी के खंबो पर चढ़कर जेरी घुमाने की परंपरा निभाई जा रही है. मान्यता है कि यहां पर आयोजित मेले में आकर मन्नत मांग कर मेघनाथ की पूजा की जाय तो जल्द उनकी मन्नत पूरी हो जाती है. जिन लोगो की मन्नत पूरी हो जाती है वो अगले वर्ष इसी समय यहां आकर मेघनाथ के समक्ष अपनी मन्नत अनुसार पूजा पाठ या भेट चढ़ावा देते हैं.
मेघनाथ की पूजा:बैतूल जिला मुख्यालय के आस-पास रहने वाले आदिवासी समाज के लोग रावण के पुत्र मेघनाथ की पूजा करते हैं. वर्षो से चली आ रही इस परंपरा को निभाने के लिए आज भी इस समुदाय के लोग धुरेड़ी पर्व के दूसरे दिन जिला मुख्यालय के टिकारी में आयोजित होने वाले इस भगोरिया मेला स्थल पर विराजमान खंबेनुमा मेघनाथ के शीर्ष पर बंधी लकड़ी नुमा जेरी को घुमाने की परंपरा को निभाते हुए अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं. इनका मानना है की मेले में आकर को मेघनाथ के समक्ष संतान पाने या अच्छे वर, वधु के साथ साथ बीमारियों से निजात पाने की मन्नत मागते है वो यहां जरूर पूरी होती है.