बैतूल। 'स्कूल चले हम' अभियान के तहत छात्रों के साइकिलों का वितरण किया जाना था. हजारों साइकलें कबाड़ में तब्दील हो गई, लेकिन छात्रों को उनका वितरण नहीं किया गया. बच्चे साइकल की जगह पैदल स्कूल आने को मजबूर हैं. क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने साइकल वितरण करने के बजाए उन्हें बारिश में कबाड़ बनाकर रख दिया है. जिसके चलते बच्चे मीलों दूर से पैदल स्कूल आते हैं. वहीं जब बच्चे साइकल की मांग करते हैं तो जिम्मेदार उन्हें हर दिन नया बहाना बनाकर टाल देते हैं.
कबाड़ में तब्दील हो रही है 'स्कूल चले हम' अभियान की हजारों साइकलें, मीलों पैदल चलने को मजबूर छात्र - बैतूल
बैतूल के स्कूल में हजारों साइकलें कबाड़ में तब्दील हो गई, लेकिन छात्रों को उनका वितरण नहीं किया गया. बच्चे साइकल की जगह पैदल स्कूल आने को मजबूर हैं.
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बारिश में मीलों दूर पैदल आने वाले ये बच्चे रोज़ाना देर से स्कूल पहुंचते हैं. वहीं बारिश में बच्चों की ड्रेस भी खराब हो जाते हैं. पिछले दिनों जिले के प्रभारी मंत्री कमलेश्वर पटेल ने स्कूल चले हम अभियान का शुभारंभ किया था. साथ ही स्कूली बच्चों को साइकल वितरण भी की. लेकिन सरकारी आयोजन की औपचारिकता पूरी करके शिक्षा विभाग ने सारी साइकलें वापस रख दी.
वहीं जब मामला उजागर हुआ, तो अधिकारियों ने तुरंत साइकलों का वितरण करने की बात कही. बैतूल के 80 फीसदी इलाकों में बच्चे दूरदराज से पैदल या बस से स्कूल आते हैं. बच्चों द्वारा साइकल मांगे जाने पर स्कूल प्रबंधन रोज नए बहाने बनाता हैं.