बैतूल। प्रदेश भर में महात्मा गांधी नरेगा में 125 पुनः नियोजित सहायक लेखाधिकारियों द्वारा समान कार्य समान वेतन न दिए जाने के विरोध में एक सप्ताह तक काली पट्टी बांध कर काला सप्ताह मनाते हुए कार्य किये जाने का निर्णय लिया गया है, काला सप्ताह के तहत बैतूल जिले में भी सहायक लेखा अधिकारियों ने बुधवार के दिन काली पट्टी बांधकर शासकीय कार्यों का निर्वहन किया, सहायक लेखाधिकारियों का कहना है कि उन्हें नियमित रूप से पदस्थ भृत्य से भी कम वेतन प्राप्त हो रहा है.
सहायक लेखाधिकारी मनरेगा जनपद पंचायत बैतूल नेहा दुबे ने बताया कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी एवं कोरोना काल मे संजीवनी के रूप में जीवन दायिनी योजना महात्मा गांधी नरेगा ने जहां करोड़ों लोगों को संकटकाल में रोजगार गारंटी के साथ उपलब्ध कराया, वहीं इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए मनरेगा योजना अन्तर्गत कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों के रोजगार की ही कोई गारंटी नहीं है, साथ ही दस वर्षों से मांग किए जाने के बावजूद समान कार्य समान वेतन के माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन भी नहीं किया जा रहा है. इस सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के द्वारा शोषित सहायक लेखाधिकारी अपनी पीड़ा बताते हुए कहते हैं कि जहां उसी पद पर अन्य सहायक लेखाधिकारियों से पुनः नियोजित सहायक लेखाधिकारियों को 13 हजार कम वेतन प्रदाय करते हुए डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के वेतन के बराबर प्रदाय किया जा रहा है, जो कि कार्यालय में नियमित रूप से पदस्थ भृत्य से भी कम है.
- सहायक लेखाधिकारी ने किया विरोध
सहायक लेखा अधिकारियों का कहना है कि यदि उन्हें समान कार्य समान वेतन नहीं दिया जाता है, तब समस्त 125 सहायक लेखाधिकारी उक्त पद पर कार्य करने की सहमति वापस लेने पर भी विवश होंगे, काली पट्टी बांधकर विरोध करने वालों में नेहा दुबे सहायक लेखाधिकारी मनरेगा जनपद पंचायत बैतूल, नीतू सिंह सहायक लेखाधिकारी मनरेगा जनपद पंचायत मुलताई, भूपेश दियावार सहायक लेखाधिकारी मनरेगा जनपद पंचायत प्रभात पटट्न शामिल हैं.