बैतूल। पिछले तीन दिनों से आसमान में छाए बादल अब धीरे-धीरे छंटने लगे हैं, जिसके चलते बिजली की मांग भी बढ़ने लगी है. सोमवार को प्रदेश में 12 हजार मेगावाट के आसपास डिमांड रही. इसी का असर है कि रविवार रात में ही घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा पॉवर प्लांट सारनी की 200 मेगावाट क्षमता की 6 नंबर इकाई लोड पर ले ली गई, यह इकाई ट्यूब में लीकेज के चलते बंद थी. वहीं 210 मेगावाट की 7 नंबर इकाई आरएसडी दो दिनों से बंद है. डिमांड और बढ़ने पर यह इकाई भी चालू करने की बात कही जा रही है.
सोमवार को प्रदेश के चार बिजली घरों की 11 इकाइयों से 3200 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन लिया गया, जबकि 1850 मेगावाट की 5 इकाइयां तकनीकी कारणों से बंद है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश पॉवर जेनरेटिंग कंपनी की बिजली उत्पादन क्षमता 5400 मेगावाट है. पूरी तरह मौसम साफ होने पर मध्यप्रदेश में बिजली की मांग तेजी से बढ़ेगी, अच्छी बात यह है कि मौजूदा स्थिति में प्रदेश के चारों बिजली घरों में लगभग 12 लाख मैट्रिक टन कोयले का भंडारण है, जिससे बिजली उत्पादन होगा, इसमें सर्वाधिक कोयला श्री सिंगाजी पॉवर प्लांट खंडवा में है.
दो इकाइयों को फरवरी माह से रखा गया है बंद
मध्यप्रदेश पॉवर जेनरेटिंग कंपनी ने घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की दो इकाइयों को फरवरी माह से बंद रखा है. इतना ही नहीं इन इकाइयों को मिलने वाले कोयले को सिंगाजी पॉवर प्लांट खंडवा पर डायवर्ट किया है. वहीं इन दो इकाइयों से पुरानी दो यूनिटों को सतत चलाया जा रहा है, जबकि यह दोनों इकाइयां बार-बार तकनीकी कारणों से बंद हो रही है, जिसके चलते विद्युत उत्पादन में फर्नेस ऑयल और कोयले की खपत ज्यादा हो रही है और इसका सीधा असर विद्युत उत्पादन दर पर पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता, इसीलिए इसे साजिश या लापरवाही कहना गलत नहीं होगा.
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सतपुड़ा के जानकार बताते हैं कि 200 मेगावाट की 6 नंबर यूनिट बीते माह से अब तक करीब आधा दर्जन बार ट्यूब में लीकेज की वजह से बंद हुई है. वहीं 8 नंबर इकाई का वार्षिक मेंटेनेंस कार्य अप्रैल 2019 में किया गया, जबकि 9 नंबर इकाई का मेंटेनेंस कार्य अगस्त 2019 में हुआ है, बावजूद इसके दोनों इकाइयों को बंद रखा गया है. वहीं 200 मेगावाट की 6 नंबर इकाई जिसका मेंटेनेंस कार्य बीते सालों से नहीं किया गया है उसे सतत चलाया जा रहा है, जो कंपनी की बड़ी लापरवाही उजागर करती है. जबकि जिन इकाइयों का संधारण मेंटेनेंस हुआ है, उन इकाइयों को चलाना चाहिए. दरअसल इन इकाइयों के मेंटेनेंस कार्य पर कंपनी प्रबंधन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं. बावजूद इसके दोनों इकाइयों को बंद रखना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है.
इनका कहना है
सतपुड़ा ताप गृह के पीआरओ अमित बंसोड़ कहना है कि 200 मेगावाट की छह नंबर इकाई लोड पर आ गई है, वहीं 10 और 11 नंबर इकाई पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन कर रही है. 6 नंबर इकाई का मेंटेनेंस कार्य नहीं हुआ है, तो इसे क्यों चलाया जा रहा और बाकी इकाइयों का मेंटेनेंस कार्य हुआ है तो उन्हें क्यों बंद रखा जा रहा है।, इसकी जानकारी एकत्रित करके जल्द ही साझा की जाएगी.
प्लांट स्टॉक उत्पादन
सारनी- 2,71000 654
बिरसिंहपुर- 2,13000 1200
सिंगाजी-677000 1050
अमरकंटक-36000 214