बैतूल। मुलताई क्षेत्र में झमाझम बारिश के चलते लघु और मध्यम डैम में तेजी से पानी की आवक हो रही है. मध्यम परियोजना का बुंडाला डेम भी लबालब हो गया है. बुंडाला डैम के वेस्टवेयर से पानी निकलना शुरू हो गया है. इसके अलावा क्षेत्र के 16 लघु डैम भी लबालब हो चुके हैं. बता दें कि क्षेत्र में 37 लघु डैम हैं, जिसमें से 16 डैम में शतप्रतिशत पानी संग्रहित हो चुका है. बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश से डैमों में पानी की आवक शुरू हो गई थी. पानी की तेज आवक और डैम लबालब होने से किसानों ने राहत की सास ली है. किसानों को रबी फसलों के लिए सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा. वहीं अभी लगातार बारिश होने की संभावना है. जिससे क्षेत्र के अन्य डैम में भी पर्याप्त पानी की आवक हो जाएगी.
जल संसाधन उपसंभाग के एसडीओ सीएल मरकाम ने बताया कि बुंडाला डैम का फुल टैंक लेवल 734.55 मीटर है. बुंडाला डैम में पर्याप्त पानी संग्रहित होने के साथ वेस्टवेयर से पानी निकलना शुरू हो गया हैय इस डैम से 36 सौ हैक्टेयर में सिंचाई होती है. डैम में पर्याप्त पानी का संग्रहण होने से इस साल सिंचाई के लिए किसानों को भरपूर पानी दिया जाएगा. इसके अलावा क्षेत्र के लघु डैमों में भी लगातार पानी की आवक हो रही है. इस साल सभी डैम में पर्याप्त पानी संग्रहित होने की उम्मीद है.
ओवरफ्लो हो रहे डैम
वहीं उपयंत्री सीबी पाठेकर ने बताया चंदोरा डैम में भी पानी की आवक शुरू है. डैम का फुल टैंक लेवल 685.95 मीटर है. फिलहाल डैम में 684.55 मीटर तक पानी संग्रहित हो चुका है. डैम के गेटों को बंद रखा है. इन डैमों में संग्रहित हुआ पर्याप्त पानी क्षेत्र के 37 लघु डैमों में से 16 डैम पानी से लबालब होकर ओवरफ्लो हो गए हैं. माथनी, महिलावाड़ी, छिंदी, सेंद्रया, हिवरा, रिधोरा, सिपावा, पराखाती, खैरवानी, पिपरिया, जंबाड़ी, बाड़ेगांव, करपा, परसठानी, बघोली और डहुआ डैम पूरी तरह पानी से भर चुके हैं. इस साल बना खंबारा डैम में भी 90 प्रतिशत पानी का संग्रहण हो चुका है. अब 21 डैमों के ओवर फ्लो होने का इंतजार है. झमाझम बारिश के चलते नगर का ताप्ती सरोवर भी ओवरफ्लो हो गया है.
इन डैमों में 50 से 80 प्रतिशत तक पानी हुआ संग्रहित
क्षेत्र 17 लघु डैमों में 50 से 80 प्रतिशत पानी का संग्रहण हो चुका है. वहीं क्षेत्र में लगातार बारिश का दौर जारी है. जिसके चलते डैम भी एक सप्ताह के भीतर ओवरफ्लो हो जाएंगे. खल्ला, दुनावा, पिसाटा, मायकासर्रा, उभारिया, सूकाखेड़ी, सोंडिया, चिखलीकला, कपासिया, डोब,चौथिया, खड़आमला, एनस, उमनपेठ, पोहर डैम में लगातार 50 प्रतिशत से अधिक पानी संग्रहित हो चुका है. साबड़ी, साईखेड़ा, सोनोरी और झिरीखापा डैम में 50 प्रतिशत से कम पानी संग्रहित हुआ है.