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डैम से पानी छोड़ने के बाद टापू में तब्दील हुआ राजघाट, अलर्ट मोड में प्रशासन - narmada bachao andolan

बड़वानी में नर्मदा नदी के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. नर्मदा नदी पर बने बरगी, इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर जल परियोजनाओं के बांध खोले जाने से राजघाट चारों तरफ से पानी से घिरकर टापू कर तरह नजर आ रहा है.

Water on roads after dam's goat opened
बांध के गेटे खोले जाने के बाद सड़कों पर पानी

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Published : Aug 30, 2020, 1:29 AM IST

बड़वानी। मध्यप्रदेश में मानसून के सक्रिय होने के चलते प्रदेश की कई प्रमुख नदियां उफान पर हैं. वहीं प्रदेश की जीवनधारा कही जाने वाली नर्मदा नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है. नर्मदा नदी पर बने बरगी, इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर जल परियोजनाओं के गेट खुले जाने से बड़वानी स्थित राजघाट टापू बन गया है. करीब पांच मीटर तक पानी का फैलाव हो गया है. बड़वानी में नर्मदा नदी खतरे के निशान 127 मीटर से ऊपर होकर 121 मीटर पर जलस्तर बढ़ गया है, लगातार तेजी से पानी फैल रहा है.

डैम से पानी छोड़े जाने के बाद सड़कें जलमग्न

नर्मदा नदी के ऊपरी कछार पर बने बांधों से लगातार बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, जिसका असर बड़वानी जिले स्थित राजघाट पर देखने को मिल रहा है. तेजी से बढ़ता जल स्तर कई मुसीबतों को लेकर भी आ रहा है. राजघाट से करीब आधा किमी तक नर्मदा नदी के पानी से जलभराव की स्थिति बन गई है. जिसके चलते राजघाट टापू में तब्दील गया है. बैकवाटर से हजारों एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं. तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने नर्मदा नदी के मार्गों पर जाना प्रतिबंधित कर दिया है और जरूरत के मुताबिक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए हैं.

नर्मदा नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते बैकवाटर डूब प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ने के मद्देनजर नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में डूब प्रभावितों ने धरना व क्रमिक अनशन की शुरुआत कर दी है. डूब प्रभावितों की मांग है कि नर्मदा का जलस्तर 129 से 131 मीटर तक रखा जाए. वहीं सरदार सरोवर बांध के सभी गेट खोले जाएं, साथ ही बांध को पूर्ण रूप से भरने से पहले सरकार विस्थापितों के दर्द को समझे फिर कोई कदम उठाए जाएं.

प्रशासन ने संभाला मोर्चा

बड़वानी जिले में एक बार फिर नर्मदा अपने उफान पर है. हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस समय नर्मदा का जलस्तर 135 से 136 मीटर तक पहुंच गया था, जिसके चलते कई गांव टापू बन गए थे. अभी जिस तरह से नर्मदा का जलस्तर बढ़ रहा उससे लगता है कि सरदार सरोवर बांध को पूरा भरने की कयावद की जा रही है. डूब प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों को प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में काफी मशक्कत उठाना पड़ेगी, क्योंकि कई लोग अब भी विस्थापन का इंतजार कर रहे हैं. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नर्मदा किनारे रहने वाले प्रभावितों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है.

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