बड़वानी। जिला मुख्यालय पर सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में महिलाओं और पुरुषों ने रैली निकालकर झंडा चौक में सभा की. जिसमें नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर और मंदसौर की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. नटराजन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के मुद्दों पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा, साथ ही आदिवासी समुदाय के हितों की बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार घुसपैठियों पर नियंत्रण नहीं लगा सकी है और आम लोगों से नागरिकता का प्रमाण पत्र मांग रही है.
मेधा पाटकर ने CAA, NPR और NRC के विरोध में निकाली रैली, दस्तावेज देने से किया इनकार
बड़वानी जिला मुख्यालय में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में महिलाओं और पुरुषों ने रैली निकाली. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए किसी भी प्रकार से कोई दस्तावेज देने से इनकार किया है.
सीएए के विरोध में स्थानीय कारंजा चौक से झंडा चौक तक रैली में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज की महिला और पुरूष भी शामिल हुए. रैली के बाद हुई सभा में मीनाक्षी नटराजन ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आदिवासी समाज एक घुमंतू जाति के लोग होते हैं, उनके माता-पिता की जन्म तारीख और स्थान का प्रमाण कहां से लाएंगे, क्योंकि उनके पास इससे संबंधित कोई दस्तावेज नहीं होते हैं. आदिवासी सुदूर इलाकों में रहते हैं, जिससे किसी के लिए भी यह बताना मुश्किल है कि किसका जन्म किस तारीख में कहां हुआ.
नटराजन ने कहा कि ये उनके सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत है. वह सीएए से संबंधित किसी प्रकार का कागज नहीं देंगे और कोई जानकारी भी नहीं देंगे. उन्होंने इसे संविधान की धारा 14 का उल्लंघन बताया है.