बड़वानी। आदिवासी बाहुल्य इस जिले में आज भी सड़कें मुनासिब नहीं हैं, जिसके चलते बीमार लोगों को परिजन व ग्रामीण झोली में डालकर अस्पताल पहुंचाते हैं. ताजा मामला पानसेमल विधानसभा से है. जहां तीन दिन में दूसरी बार बरसात के बीच कच्ची पगडंडियों से बरसाती नाले पार कर पैदल चल ग्रामीण गर्भवती महिला को झोली में डालकर आठ किलोमीटर लेकर चले, फिर जाकर एम्बुलेंस नसीब हुई. ऐसी समस्याओं को लेकर ग्रामीण मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय विधायक और सांसद तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोरे आश्वासन के सिवाय कुछ हासिल नहीं हुआ.
8 किमी गर्भवती को झोली में डालकर पैदल चले
दरअसल, पानसेमल जनपद के ग्राम पन्नाली पंचायत के खामगांव में आज तक कोई पुलिया नहीं है और न कोई सड़क. ऐसी स्थिति में मरीजों को और गर्भवती महिलाओं को कपड़े की डोली में डालकर गांव से लगभग 8 किलोमीटर दूर कच्ची पगडंडी से होकर सड़क तक लाना होता है. इस दौरान लोगों को कई तरह की दिक्कतें आती हैं. वहीं समय पर इलाज नहीं मिलने पर कई लोगों की जान भी जा चुकी है.
इसी तरह एक गर्भवती महिला को कपड़े की डोली में डालकर गांव से 8 किलोमीटर दूर लाया गया, जहां से एंबुलेंस के माध्यम से महिला को पानसेमल अस्पताल पहुंचाया गया. ग्रामीणों का कहना हैं कई बार बारिश के दिनों में नालों में पानी ज्यादा होने से घंटों पानी उतरने का इंतजार भी करना पड़ता है. साथ ही रात के अंधेरे में और भी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.