बड़वानी।गृहमंत्री बाला बच्चन बड़वानी पहुंचे, उन्होंने पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात किया, साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिला योजना समिति की बैठक भी की. गृहमंत्री ने रेस्ट हाउस का लोकार्पण और केंद्रीय जेल का भूमिपूजन किया.
जिला जेल का केंद्रीय जेल में उन्नयन होने के बाद प्रदेश सरकार ने पहली बार पांच नये बैरकों की सौगत दी है. वर्तमान में केंद्रीय जेल में क्षमता से तीगुना कैदी सजा काट रहे हैं, जो सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े करती है. ऐसे में प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री बाला बच्चन और जिले की प्रभारी मंत्री डॉ. विजयालक्ष्मी साधौ ने 4 पुरुष और एक महिला बैरक के साथ वॉच टॉवर का भूमिपूजन किया.
गृहमंत्री व प्रभारी मंत्री ने किया नये जेल का भूमिपूजन प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन और जिले की प्रभारी मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने जिला मुख्यालय पर पहले कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से भेंट की. उसके बाद केंद्रीय जेल व नए रेस्ट हाउस का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. वहीं जिले के जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिला योजना समिति की बैठक भी की, जिसमें जिले के विकास को लेकर कार्ययोजना तैयार की गई. बैठक में किसानों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय पर समीक्षा करते हुए प्रस्ताव पारित किए गए. जिले की प्रभारी मंत्री डॉ विजयलक्ष्मी साधो ने बताया कि किसानों को यूरिया की कोई कमी नहीं है. साथ ही कहा, बढ़ती प्याज की कीमतों पर कमलनाथ सरकार की नजर है.
बड़वानी में केंद्रीय जेल की क्षमता 460 बंदियों की है और वर्तमान में 1250 से अधिक बंदी हैं. क्षमता से अधिक बंदी होने से अब सेंधवा उपजेल को जिला जेल का दर्जा दिया जाएगा. बड़वानी के समीप तलून में 35 एकड़ जमीन पर 100 बंदियों के लिए खुली जेल बनाई जाएगी. साथ ही अब प्रदेश के कैदियों पर 45 रुपए के बदले प्रतिदिन 48 रुपए प्रतिदिन खर्च किए जाएंगे. यह घोषणा प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन व जिले की प्रभारी मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने सोमवार को की.
गौरतलब है कि सन 1860 में निर्मित शहर की जेल को वर्ष 2013 में केंद्रीय जेल का उन्नयन मिला है. इसके बावजूद आज तक इसके विस्तार को लेकर किसी ने ध्यान नहीं दिया. पूर्व सरकार में जिले से जेल मंत्री होने के बावजूद कोई पहल नहीं की गई. वर्तमान सरकार में गृहमंत्री व जेल मंत्री बाला बच्चन ने यहां पुरुषों के लिए चार व एक महिला बैरक की स्वीकृति प्रदान की है. हालांकि 456 कैदियों की क्षमता वाली इस जेल में अभी 1250 कैदी सजायाफ्ता हैं. ऐसे में पांच नए बैरक बनने से 100 कैदियों को राहत मिलेगी.