बड़वानी।मेधा पाटेकर गांधी जयंती के अवसर पर बड़वानी के नजदीक कुकरा बसाहट पर गांधी स्मारक पहुंचीं. उन्होंने गांधी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इसके बाद वे नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच पहुंची. मेधा पाटकर ने किसान बिल और हाथरस की घटना को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.
गांधी जयंती पर बड़वानी पहुंची मेधा पाटकर, मोदी सरकार पर साधा निशाना
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर बड़वानी के कुकड़ाचिमन में बनी महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंची. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. मेधा पाटकर ने पास हुए कृषि विधेयकों पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने इन बिलों को किसानों के साथ छलावा व कारपोरेट जगत को फायदा बताने वाला करार दिया.
मेधा ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश में हिंसा का फैलाव बढ़ता जा रहा है, जाति और मजहब के नाम पर हो रही हिंसा की वह खिलाफत करती हैं, मनीषा वाल्मीकि की हत्या भी इसी का प्रतीक है. हत्या के मामले में देश भर में उत्तर प्रदेश आगे है, वहीं देश में मनुवादी सोच भी अभी तक जिंदा है. उन्होंने कहा कि संसद में सवाल नहीं करने दिया जा रहा है.
वहीं कृषि तथा श्रमिकों के खिलाफ विधेयक बदले जा रहे हैं. ऐसे कानून को धिक्कार है. केंद्र सरकार के तीन नए विधेयक का एक ही नतीजा होने वाला है. खेती में कंपनी का प्रवेश जिसे पंजाब व गुजरात के किसानों ने भुगता है. इन विधेयकों के चलते कारपोरेट कंपनी पहले किसानों को लालच देगी और बाद में जमीन छीन लेगी. पूंजी और बाजार का राज कुछ चंद कारपोरेट घरानों के लिए है. कोरोना कॉल के चलते लॉकडाउन में 68 हजार करोड रुपए कारपोरेट जगत के माफ हुए. जबकि किसानों का कोई कर्जा माफ नहीं किया गया. डीजल व बिजली के बिल बेहताश का बढ़ाए जा रहे हैं, वहीं निजी करण के चलते कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा