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महाराष्ट्र के किसानों ने मध्यप्रदेश के राजमार्ग को किया जाम - farmers markets

बड़वानी जिले के खेतिया में महाराष्ट्र के किसान राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. जिससे राजमार्ग बधित हो गया. किसान कृषि मंडी में कपास की निलामी रोके जाने से नाराज थे. नाराजगी जाहिर करने के लिए किसान धरने पर बैठ गए.

Kisan Krishi Mandi
किसान कृषि मंडी

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Published : Jan 14, 2021, 12:15 PM IST

बड़वानी। जिले के खेतिया में महाराष्ट्र के किसान राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. जिससे राजमार्ग पर बधित हो गया. किसान कृषि मंडी में कपास की निलामी रोके जाने से नाराज थे. नाराजगी जाहिर करने के लिए किसान धरने पर बैठ गए.

बड़वानी जिले के ग्राम खेतिया में महाराष्ट्र से आए किसानों ने कपास की निलामी रोकने के विरोध में बुधवार की शाम 5 बजे राजमार्ग पर बैठकर चक्काजाम कर दिया. जिससे आवागमन बधित हो गया. लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

जानकारी के अनुसार स्थानीय कृषि उपज मंडी समिति में दिनभर कपास निलामी के बाद शाम 5 बजे कपास की निलामी को रोक दिया. व्यापारी मंडी से चले गए. उक्त घटना को लेकर आक्रोशित महाराष्ट्र के शहादा और नन्दुरबार क्षेत्रों से आए किसानों ने चक्काजाम कर दिया.

2 घंटे तक बंद रहा राजमार्ग

40 वाहनों की कपास निलामी नहीं करने के विरोध में किसानों ने 2 घंटे तक मंडी के सामने स्थित राजमार्ग पूरी तरह बंद कर दिया. मंडी कर्मचारी और नायब तहसीलदार मौके पर स्थिति को संभालने की कोशिश की, स्थिति बिगड़ती देख सरकारी अफसर वहां से चले गए. सरकारी अफसरों के जाने किसान ज्यादा आक्रोशित हो गए. 2 घंटे बाद थाना प्रभारी आर आर पाटील ने मशक्कत करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया. किसान प्रतिनिधि रमेश पटेल से अनुविभागीय अधिकारी सुमेर सिंह मुजाल्दा की फोन से बात कराई, एसडीएम के आश्वासन के बाद किसानों ने राजमार्ग से चक्काजाम समाप्त किया.

राहगीरों को हुई परेशानी

किसानों के प्रदर्शन के कारण घंटों तक हजारों लोग वाहनों सहित जाम में फंसे रहे. राजमार्ग दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित है. यह राजमार्ग दो सीमाओं को जोड़ता है. इस मार्ग के बधित होने से दोनों राज्यों के राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.

नन्दुरबार महाराष्ट्र से आए किसान रमेश पटेल ने बताया कि कर्मचारियों ने 40 वाहनों के शेष रहते ही निलामी रोक दी, आज त्यौहार होने से यदि कपास निलामी नहीं हुई तो 2-3 दिन परेशान होना पड़ेगा. जिससे घर जाकर त्यौहार भी नहीं मना सकते. किसान चाहते है कि जल्द निलामी हो ताकि किसान भी सबकी तरह परिवार के साथ त्योहार मना सकें.

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