बड़वानी। जिला प्रशासन की निष्क्रियता के चलते रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. नर्मदा नदी के किनारों को खोदकर पुनर्वास बसाहटों में जगह-जगह अवैध रेत भंडारण दिखाई दे रहा है. छोटा बड़दा में अवैध रेत उत्खनन के दौरान 5 मजदूरों की मौत के बाद भी प्रशासन हरकत में नहीं आया है.
नर्मदा नदी में धड़ल्ले से अवैध रेत उत्खनन जारी, 5 मजदूरों की मौत के बाद भी नहीं खुली प्रशासन की नींद
रेत माफिया बरसात को देखते हुए अवैध रेत संग्रहण में धड़ल्ले से लगे हैं. इसका ताजा उदाहरण बसाहटों में आसानी से देखने को मिल जाएगा. वहीं गृहमंत्री बाला बच्चन इस तरह के संग्रहण को लेकर कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
रेत माफियाओं ने अवैध खनन कर नर्मदा के किनारे खोखले कर दिए हैं. वहीं बारिश के दौरान पानी खदानों में भर जाएगा. इसके चलते रेत माफिया अवैध रेत उत्खनन कर उसका संग्रहण कर रहे हैं. छोटा बड़दा हादसे के बाद जिला मुख्यालय से सटे कल्याणपुरा और पेंड्रा बसाहटों में हर तरफ रेत के छोटे-बड़े ढेर दिखाई दिए. इस बारे में गृहमंत्री ने बताया कि कलेक्टर, एसपी और खनिज विभाग को लगातार इस बारे में बताने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है. अवैध रेत उत्खनन करने वालो को छोड़ेंगे नहीं.
वहीं उन्होंने बताया कि बसाहटों में रेत का संग्रहण वैध है या अवैध है, इस बारे में सरकारी स्तर पर पता करते हैं. नई रेत नीति के तहत इस तरह के अवैध उत्खनन पर रोक लगेगी.