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फूलों पर वायरस अटैक, त्योहार के दौरान भी व्यापारियों को नहीं हुआ मुनाफा

बड़वानी में फूलों की फसल पर वायरस अटैक होने से त्योहार के दौरान फूल व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिले में फूल की आपूर्ति के लिए व्यापारी बाहर से महंगे दामों में फूल मंगाकर बेच रहे हैं.

Virus attack on flowers
फूलों पर वायरस अटैक

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Published : Nov 15, 2020, 2:07 PM IST

बड़वानी। जिले में कोरोना काल के चलते कई लोगों की आर्थिक हालत खराब हो गई है, जिसमें सबसे ज्यादा किसानों की खेती प्रभावित हुई है. इस साल फूलों का कारोबार करने वाले लोगों को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के दौरान जहां फूलों की बहार अपने पूरे शबाब पर थी, तब उनके लिए बाजार खुला नहीं था. ऐसे में शहर के पास मालियों को अपने फूल फेंकने पड़े थे. अब जब लॉकडाउन खुला तो दूसरे रोपे लाकर खेतों में लगाए गए, लेकिन इन पर वायरस का असर आ जाने से फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. आलम ये है कि अब बड़वानी जिले के फूल व्यापारियों को त्योहारी सीजन में रतलाम और इंदौर से महंगे दामों में फूल लाकर बेचना पड़ रहा है.

फूलों पर वायरस अटैक

दिवाली के त्योहार पर कई तरह के रंग बिरंगी फूलों की लड़ियां और मालाएं हर किसी को आकर्षित करती थीं. वहीं लोग भी बड़े चाव से अपने घर और वाहनों को फूलों की मालाओं से सजाते थे, लेकिन इस बार क्षेत्र में फूलों की खेती पर वायरस अटैक के चलते महंगाई की मार पड़ रही है, जिसके चलते लोग सिर्फ नाम मात्र पूजा के लिए ही फूल खरीद रहे हैं.

सूख गए फूल

महंगे दामों में बुला रहे हैं फूल

जिले में फूलों की खेती पर वायरस अटैक के बाद अब मजबूरी में मालियों को इंदौर और रतलाम से फूल मंगाना पड़ रहा है, जो कि 100 रुपए किलो यानी 10 हजार रुपए क्विंटल तक मिल रहे हैं. फूल महंगे होने के चलते मालाएं और फूलों की लड़ियां भी महंगी मिल रही है. जो माला पहले 10 रुपए में मिल जाती थी, वही अब वर्तमान में 20 से 30 रुपए की मिल रही है, जिसे खरीद पाना आम आदमी के बस में नहीं.

कई तरह के फूलों की खेती बर्बाद

शहर में माली मोहल्ला के किसान हर साल अपने खेतों में कई तरह के फूलों के पौधे और बीज लगा लेते हैं. यहां गुलाब, रजनीगंधा ,मोगरा, गेंदा और कई प्रकार के फूलों की खेती करते हैं. साथ ही कुछ हिस्से में मिर्ची और सब्जियां भी लगाते हैं, लेकिन इस साल वायरस अटैक के कारण इनकी सभी फसलें प्रभावित हुई हैं, जिसके चलते मालियों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है.

फूलों पर वायरस अटैक

17 से ज्यादा फूलों के व्यवसाय पर निर्भर

बावन गजा रोड स्थित माली मोहल्ले में 17 से ज्यादा परिवार फूलों की खेती पर अपना घर चलाते हैं. इस साल उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है करीब 100 एकड़ से ज्यादा जमीन में फूलों की खेती होती है. यह रतलाम और अन्य जगहों से फूलों के रोपे और बीज लाकर अपने खेतों में पौधे तैयार करते हैं. इसमें उन्हें खासा खर्चा भी लगता है. इस साल उन्हें लाखों रुपए खर्च करना पड़े, लेकिन आमदनी बिल्कुल नहीं हुई है.

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