बड़वानी। इंदिरा सागर परियोजना के तहत जिले में करोडो़ं की लागत से बनाई जा रही नहरें पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गई हैं. पहली बारिश ने नहरों के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी है. आलम ये है कि जगह-जगह से नहरें जर्जर हो चुकी हैं, जिससे किसानों के खेतों में पानी भी जा रहा है.
पहली बारिश में टूटी नहरें, निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की खुली पोल - इंदिरा सागर परियोजना
इंदिरा सागर परियोजना के तहत बनाई जा रही नहरों में हुए भारी भ्रष्टाचार की पोल बारिश ने खोलकर रख दी है. बोम्या गांव में बनी नहर भी टूट गई है. इधर कलेक्टर ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
![पहली बारिश में टूटी नहरें, निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की खुली पोल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-3814464-thumbnail-3x2-k.jpg)
क्षतिग्रस्त हुई नहरों की मॉनिटरिंग नर्मदा घाटी विकास विभाग सम्भाग क्रमांक 11 कर रहा है. नहरों के निर्माण का ठेका केडीएएस कंपनी के पास है, जो जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में नहर बना रही है. बोम्या गांव के लोगों के बताया कि अधिकारियों और कंपनी की मिलीभगत का नतीजा है कि नहरें टूट गई हैं.
ग्रामीणों के अनुसार नहरों का गुणवत्ताविहिन निर्माण किया जा रहा है. खेतों में पानी भरने के डर से किसान कई बार अधिकारियों से इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. मामले की जानकारी मिलने पर कलेक्टर अमित तोमर ने नहरों की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.