बड़वानी। मध्यप्रदेश प्राचीन कालकृतियों और मूर्तियों के मामले में धनी है. इन धरोहरों को सहेजने के लिए ही पुरातत्त्व विभाग का गठन किया गया है, लेकिन बड़वानी में पुरातत्व विभाग की अनदेखी की वजह से बेशकीमती धरोहर दिन ब दिन खंडित होती जा रही है, जिले में किसानों के खेत से मूर्तियां और खजुराहो से मिलती जुलती आकृति वाली प्रतिमाएं निकलती रहती हैं, लेकिन लापरवाही की वजह से यहां हजारों साल पुरानी मूर्तियां बिखरी पड़ी हैं.
जिले के निवाली विकास खंड अंतर्गत वझर और फुलजवारी में किसानों के खेतों में जुताई के दौरान प्राचीन मंदिर, मूर्तियां और शिलालेख निकल रहे हैं. किसानों के खेतों से निकली असंख्य मूर्तियां संग्रहित कर मंदिर के पास रख दी गई हैं. कुछ मूर्तियां और शिलालेख का किसान खेतों की मेढ़ और घरों के ओटले बनाकर उपयोग कर रहे हैं तो कई मूर्तियां जस की तस पड़ी हैं. कई मूर्तियों का संरक्षण नहीं होने से टूट गई हैं. दो गांवों के खेतों में महज दो से तीन फीट खुदाई करने पर ही जमीन के अंदर से शिवलिंग, ब्रह्मा, गणेश, बजरंगबली, नन्दी, जैन धर्म की मूर्तियों के अलावा खजुराहो स्थित कलाकृतियों की तरह दिखने वाली पाषण प्रतिमाएं शिलालेख और अन्य देवी देवताओं के अलावा मंदिर निकलते हैं. इसके बाद भी इन्हें सहेजने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.